क्या कभी अप सपने में भी ये सोच सकते हैं कि किसी लड़की को उसका पति सिर्फ इसलिए तलाक दे सकता है कि वो लड़की अपने मायके जाने की बात करे? शायद आप भी इस समय ये पढ़कर आश्चर्य में पड़ गए हों, लेकिन ये सच है. अब हमारे देश की लड़कियों को सोच समझकर शादी करना चाहिए. शादी जिस लड़के से कर रही हैं उसके बारे में अच्छी तरह से जांच पड़ताल केर लें कि कहीं वो लड़का शादी के बाद उनसे तलाक तो नहीं मांगेगा जब वो मायके जाने की बात करेंगी.
आजकल ऐसा भी हो रहा है. हम सभी रिश्ते में प्राइवेसी की बात स्वीकार करते हैं, लेकिन ये किसने कहा कि लड़कों को ये अधिकार मिल गया है कि वो लड़कियों को इस तरह की धमकी देंगे. शादी के बाद लड़की अपना सबकुछ छोड़कर ससुराल आती है. ऐसे में लड़कों का इस तरह से व्यवहार करना लड़की को कमज़ोर कर सकता है.
एक ऐसी ही खबर है जिसे पढ़कर आप हैरान और शर्म से पानी पानी हो जाएंगे. खबर दिल्ली से है. देश की राजधानी में ऐसी घटनाएं तो होती रहती हैं. राजधानी में एक कपल बड़े ही प्यार से रहते थे, लेकिन अचानक पति कोर्ट पहुँच गया और उसने अपनी पत्नी से तलाक की अर्जी की गुहार लगाईं. जब कोर्ट ने वजह माँगा तो वो चौंकाने वाला था. पति ने कहा कि उसकी पत्नी बार बार मायके जाने की बात करती है. पत्नी के बार-बार अपने माता-पिता के पास जाने से परेशान पति ने क्रूरता के आधार पर तलाक मांगा लेकिन दिल्ली उच्च न्यायालय ने याचिका खारिज कर दी. कोर्ट में मौजूद सभी वकील, जज और आम लोग हैरान रह गए. इस तरह का केस बहुत ही कम या नहीं सुनने को मिलता.
पति की इस दलील को कोर्ट ने खारिज कर दिया और साथ में यह भी कहा कि ये कोई मामला नहीं है. उच्च न्यायालय ने कहा कि महिला को अपने अभिभावकों के पास जाने का अधिकार है और पति के लिए शिकायत करने का यह कोई कारण नहीं बनता है. जिस तरह से लड़का अपने माता-पिता के साथ रहता है, ठीक उसी तरह से लड़की भी जब चाहे अपने पेरेंट्स से मिल सकती है. उसे कोई रोक नहीं सकता. शादी के मतलब ये नहीं हुआ कि आप किसी के मालिक बन गए और आप जो कहेंगे वही आपकी अप्तनी करेगी.
इस मामले में खासतौर पर लड़के का ईगो नज़र आता है. पति ने दावा किया था कि उसकी पत्नी उसे और उसके परिजन को बताए बगैर बार-बार अपने माता-पिता के घर चली जाती है जिससे उसे मानसिक पीड़ा होती है. उसने पत्नी पर कई अन्य आरोप भी लगाए. न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति दीपा शर्मा की पीठ ने उसके दावे को खारिज करते हुए कहा कि पत्नी को अपने माता-पिता के घर जाने का अधिकार है और पति के लिए यह शिकायत का कोई कारण नहीं बनता है. निचली अदालत ने उसकी तलाक की याचिका को ठुकरा दिया था जिसे व्यक्ति ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी.
इस तरह के मामले को कोर्ट में ले जाने से पहले आप सभी एक बार सोचिए. लड़की अपना सबकुछ छोड़कर आपके पास आती है. ऐसे में उससे मायके जाने का अधिकार तो मत छीनिए.