IFS ऑफिसर – जब हम छोटे-छोटे होते हैं तो हमारे मां-पिताजी का सपना होता है कि इन के उनका बच्चा बड़ा होकर ऑफिसर बनें। अपने बच्चे को सरकारी ओहदे पर विराजमान होते हुए देखना हर मां-बाप की चाहत होती है। हो भी क्यों ना…?
जब इस नौकरी में इतनी सारी सुविधाएं जो है। लेकिन समस्या तब होती है जब मां-बाप हमें इसकी तैयारी करने के लिए बोल देते हैं और हर बात में इस बात का प्रेशर बनाने लगते हैं कि पढ़-लिख ले औऱ हमारा नाम रोशन कर लें।
सरकारी ओहदों में कई सारे ओहदे होते हैं। जैसे बैंक पीओ, आईएस, आईएफएस, आईपीएस और पीसीएस…।
लेकिन इन सारे ओहदों में भी सबसे खास ओहदा जो है वो है IFS ऑफिसर का। IFS ऑफिसर को जो सुविधाएं मिलती हैं उसके कारण हर मां-बाप का सपना होता है कि उनका बच्चा बड़ा होकर आईएफएस ऑफिसर बन जाए।
आईएफएस- इंडियन फॉरेन सर्विस
आईएफएस मतलब इंडियन फॉरेन सर्विस। मतलब भारतीय विदेश सेवा में नौकरी। वो भी ऑफिसर की। इस पद में भी उतनी ही सुविधाएं मिलती हैं जितनी की बाकी की प्रशासनिक सेवाओं में मिलती हैं। लेकिन इस सेवा के साथ एक खास सुविधा जुड़ी होती है जो हर युवा को अपनी तरफ खींचती है। लेकिन इन सुविधाओं से पहले ये जान लें कि आईएफएस ऑफिसर कैसे हमारे देश की सेवा करते हैं। आईएफएस ऑफिसर मूल रुप से विदेशों में भारत का राजनायिक और व्यावसायिक प्रतिनिधित्व करते हैं। इस सेवा के अधिकारी विभिन्न मुद्दे जैसे राजनीतिक और आर्थिक सहयोग, व्यापार और निवेश प्रोत्साहन व सांस्कृतिक घटनाओं से डील करते हैं। ये बहुत ही मुश्किल जॉब होती है। इसलिए कुछ ही लोग इस सेवा को चुनते हैं।
चलिए अब जानते हैं कि IFS ऑफिसर को ऐसी कौन सी सुविधाएं मिलती हैं जिसके कारण हर युवा ये नौकरी करने की कोशिश करता है।
मिलता है सबसे अधिक वेतन
इन्हें सबसे अधिक वेतन मिलता है। वेतन में केवल ये सासंदों से पीछे हैं। लेकिन वेतन के साथ ही रहने के लिए घर, फर्नीचर, रसोईया और धोबी भी मिलता है। ये सारी सुविधाएं सरकार की तरफ से दी जाती हैं। इसके अलावा इन्हें पानी और बिजली की भी सुविधा मिलती है। 50000 यूनिट तक फ्री बिजली ये यूज़ कर सकते हैं और इनको पानी का बिल भी नहीं चुकाना पड़ता।
जान-माल, राज्य की जिम्मेदारी
आईएफएस ऑफिसर के घर की सुरक्षा के लिए पूरे राज्य की जिम्मेदारी होती है। इसलिए इनके जान-माल को भी शायद ही कुछ नुकसान होने का डर होता है।
अलग होती है नंबर प्लेट
इनकी नंबर प्लेट अन्य दूसरे ऑफिसर्स से अलग होती है। आईएफएस ऑफिसर की गाड़ी का नम्बर प्लेट नीला होता है। इस तरह का नम्बर प्लेट किसी ओर को नहीं मिलता। यही नम्बर प्लेट से पता चलता है कि गाड़ी विशेष है औऱ किसी डिपलोमेट की है।
IFS ऑफिसर अदालत में गवाह के रुप में पेस होने से प्रतिरक्षा प्राप्त कर सकते हैं। उन्हें नागरिक या प्रशासनिक अदालत में गवाह के रुप में पेश करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। मतलब कि अदालत में पेश होने के लिए इनके साथ कोई जोर-जबरदस्ती नहीं की जा सकती। अब ऐसी नौकरी कौन नहीं करना चाहेगा।
इन सबके अलावा IFS ऑफिसर को राज्यों के पुलिस नियमों से भी प्रतिरक्षा प्राप्त होती है। मतलब की ये इमरजेंसी में नियमों को ना माने तो भी कुछ नहीं होगा।
अधिकारियों के पास अपने कार्यों के निर्वहन के लिए संचार की स्वतंत्रता होती है। मतलब की ये किसी से भी बात कर सकते हैं और कहीं भी जा सकते हैं। अन्य ऑफिसर के पास 34 एयर टिकट होते है हवाई यात्रा के लिए। लेकिन इनके साथ ऐसा नहीं है। ये कहीं भी आ जा सकते हैं औऱ किसी भी देश में जा सकते हैं। पूचताछ की स्थिति विशेष परिस्थितियों में ही आती है।
सामान के निरिक्षण से छूट
अधिकारी अपने व्यक्तिगत सामान के निरीक्षण से भी छूट प्राप्त कर सकते हैं।
तो अब आप खुद बताइए कि कौन ऐसी नौकरी नहीं करना चाहेगा। तो शुरू कर दीजिए आप भी तैयारी।