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बड़े मज़ेदार हैं झूठ के बारे में ये फैक्‍ट्स

हम सभी ने अपने जीवन में कोई ना कोई झूठ जरूर बोला होगा, कुछ लोग इस बात को एक्‍सेप्‍ट कर लेते हैं तो कुछ इस सवाल से नज़रे चुराते हैं लेकिन सच तो यही है हर कोई अपनी जिंदगी में कभी ना कभी तो झूठ बोलता ही है।

फर्क इतना है कि कुछ लोग छोटी-छोटी बातों पर भी झूठ बोल जाते हैं तो कुछ लोग कम झूठ बोलते हैं। आज हम आपको हमारी जिंदगी के अहम हिस्‍से यानि झूठ के बारे में कुछ रोचक बातें बताने जा रहे हैं।

एक्‍स्‍पर्ट्स की मानें तो झूठ बोलना एक सामान्‍य प्रक्रिया है। जैसे लोग चलना और बोलना सीखते हैं वैसे ही बचपन में हम झूठ बोलना सीख जाते हैं। विशेषज्ञों की मानें तो 2 साल की उम्र से ही बच्‍चे झूठ बोलना सीख जाते हैं।

साइकोलॉजिस्‍ट का कहना है कि आमने-सामने झूठ बोलने की बजाय लिखकर ज्‍यादा झूठ बोले जाते हैं। इसका मतलब है कि लोग सामने बैठकर बातचीत करने की बजाय मैसेज या लैटर या फिर ईमेल के ज़रिए ज्‍यादा झूठ बोलते हैं।

एक रिसर्च में सामने आया है कि सबसे ज्‍यादा बोला जाने वाला या कॉमन झूठ है ‘आई एम फाइन’। लगता है कि इस झूठ का सबसे ज्‍यादा इस्‍तेमाल अपने ब्‍वॉयफ्रेंड से झगड़ा करने के बाद लड़कियां ही बोलती होंगीं क्‍योंकि उन्‍हीं की बातों का उल्‍टा मतलब होता है। यानि की झगड़ा होने के बाद वो फाइन तो होती नहीं हैं लेकिन अपनी नाराज़गी जाहिर करने के लिए वो ‘आई एम फाइन’ जरूर कहती हैं।

आपको बता दें कि झूठ बोलने से स्‍ट्रेस लेवल बढ़ जाता है जिसका असर हमारी फिजीकल हेल्‍थ पर भी पड़ता है।

मनोविश्‍लेषकों के मुताबिक झूठ बोलने वाले कम और छोटे शब्‍दों का इस्‍तेमाल करते हैं यानि की जब कभी आप झूठ बोलते होंगें तो लंबे लंबे वाक्‍यों की जगह छोटे शब्‍दों का इस्‍तेमाल करते होंगें। इससे ये बात भी पता चलती है कि कम शब्‍दों या छोटे शब्‍दों का प्रयोग करने से झूठ के पकड़े जाने की संभावना कम रहती है।

1985 में हुए एक शोध में यी बात सामने आई थी कि आकर्षक लोगों के सामने झूठ बोलना मुश्किल होता है, खासकर जिन्‍हें आप पसंद करते हो उनके आगे झूठ बोलने में आपको दिक्‍कत आती है।

पर्सनल लाइफ या गर्लफ्रेंड-ब्‍वॉयफ्रेंड या फिर पति-पत्‍नी को मनाने के लिए तो आप झूठ बोलते ही होंगें लेकिन सबसे ज्‍यादा झूठ रिज्‍यूमें में बोला जाता है। 12 में से एक व्‍यक्‍ति अपने रेज्‍यूमे में झूठी बातें लिखता है। अब जब कभी भी आप किसी का इंटरव्‍यू लें तो उसे क्रॉस चैक जरूर कर लें।

तो दोस्‍तों ये थी झूठ के बारे में कुछ रोचक बातें। इनके बारे में जानकर आपको भी मज़ा आया होगा क्‍योंकि आप भी कहीं ना कहीं इन बातों से गुज़र चुके होंगें।

ये बात मैं इतने यकीन के साथ इसलिए कह सकती हूं क्‍योंकि इस पृथ्‍वी पर आज के ज़माने में शायद ही ऐसा कोई इंसान होगा जिसे जीने या खुशहाल रहने के लिए झूठ ना बोलना पड़ा हो। कहीं ना कहीं आप भी इस बात से सहमत होंगें कि हर कोई कभी ना कभी तो झूठ बोलता ही है।