जीवन के सरल और आदर्श तरीके के बारे में कोई नहीं जानता है। अलग-अलग परिस्थितियों और लोगों के साथ यह अलग-अलग हो सकता है कि एक ही चीज़ और काम अलग-अलग हालातों में सही या गलत हो सकते हैं।
ऐसी परिस्थिति में इंसान को बाद में अहसास होता है उसने सही किया या गलत। जीवन में कुछ ऐसी मुश्किलें और नियम हैं जिनके लिए इंसान को हमेशा सचेत और तैयार रहना चाहिए। इन बाधाओं के प्रति अपना एक निर्धारित रुख अपनाते हुए तथा नियमों का ईमानदारी पूर्वक पालन करते हुए आप बेवजह की परेशानियों में उलझकर अपनी पहचान खोने से बच सकते हैं।
इसी संदर्भ में मनुस्मृति में 8 तरह के लोगों के बारे में बताया गया है जिनके लिए हमेशा रास्ता छोड़ना ही अच्छा होता है यानि की आपको इन लोगों के रास्ते में नहीं आना है वरना नुकसान आपका ही होगा।
रथ
रथ हमेशा इंसान से ऊंचा होता है और वह कभी इंसान के लिए नहीं रूकता है। आज के समय में रथ की तुलना कार या बस से की जा सकती है। अगर आप इनके रास्ते में आएंगें तो आपकी जान खतरे में पड़ जाएगी।
बड़े-बुजुर्ग
अगर आपके मार्ग में कोई वृद्ध या बुजुर्ग व्यक्ति आ जाए तो उसे रूक कर रास्ता जरूर दें। शास्त्रों में जहां बड़ों का सम्मान ना करने वाले को तुच्छ कहा गया है वहीं ज्योतिष में इसे सूर्य के कमज़ोर होने का कारक बताया गया है। ऐसे इंसान को असफलता ही मिलती है।
रोगी
किसी भी तरह से बीमार व्यक्ति को रास्ता जरूर देना चाहिए। हो सकता है कि आपके सामने आने वाला व्यक्ति बहुत बीमार हो और कुछ ही समय में उसके प्राण निकल जाएं। ऐसे में उसका रास्ता काटने पर आप पाप के भागीदार बन जाते हैं।
बोझ उठाए व्यक्ति
अगर आपके सामने कोई ऐसा व्यक्ति आ जाए जिसके शरीर पर बहुत बोझ हो तो उसे तुरंत रास्ता दें। वह आपसे ज्यादा कष्ट में होगा। यही इंसानियत है।
स्त्री
हिंदू धर्म और शास्त्र में स्त्रियों को मां लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है इसलिए हमेशा स्त्रियों का सम्मान करना चाहिए। ऐसा करने से मां लक्ष्मी के साथ देवी सरस्वती की कृपा भी प्राप्त होती है। इसलिए जब भी रास्ते में कोई स्त्री आ जाए तो उसका रास्ते ना रोकें।
ज्ञानी
ज्ञानी व्यक्ति का हमेशा सम्मान करना चाहिए। किसी ज्ञानी व्यक्ति का मार्ग छोड़ने से उनका आशीर्वाद आपको मिलता है और भविष्य में अपने ज्ञान के प्रकाश से वो आपकी सफलता की कई राहें भी आपको दिखा सकते हैं।
राजा
आज के संदर्भ में राजा का अर्थ राजनेता से हो सकता है। वह नीति-निर्माता और नीति निर्देशक भी हो सकता है। इसका तात्पर्य परिवार के मुखिया या अभिभावक से भी हो सकता है। ऐसे लोगों को हमेशा सम्मान दें।
वर
हिंदू शास्त्र में पति को परमेश्वर का दर्जा दिया गया है। जब कभी भी राह में पति आएं तो पहले उन्हें रास्ता दें। यही हर स्त्री का धर्म है।
इन लोगों के रास्ते में आने से आपके जीवन पर ही संकट आ सकता है इसलिए जो भी करें सोच-समझकर करें वरना नुकसान आपको ही होगा।