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क्रिकेट की दुनिया की ये पांच एतिहासिक मोमेंट बताते हैं कि खिलाड़ी अपने लिए कभी नहीं खेलते

क्रिकेट की दुनिया की एतिहासिक मोमेंट्स

क्रिकेट की दुनिया की एतिहासिक मोमेंट्स – क्रिकेट के ग्राउंड में अकसर खिलाड़ियों को अपने लिए खेलते देखा जाता हैं।

आपने अकसर खिलाड़ियों को अपने सतक को पूराने के लिए बहुत सी बॉलों को खराब करते देखा होगा। उनका कारण यही होता हैं कि उन्हें अपने लिए खेलना हैं। उन्हें इस बात से कोई परवाह नहीं कि उनके सतक को पूरा करने में कितनी ही बॉल खराब हो गई।

खेल के मैदान की ऐसी बहुत की घटनाएं है जो यही दर्शाते हैं कि खिलाड़ी अपने आंकड़ों को पूरा करने के लिए किसी भी हद तक चले जाते हैं।

लेकिन आज हम क्रिकेट की दुनिया की एतिहासिक मोमेंट्स के बारे में बता रहे हैं जब खिलाड़ी ने दुनिया को बता दिया कि उनके लिए अपने आंकड़े पाने से ज्यादा जरुरी टीम के लिए खेलना हैं।

कई बार इतिहास रचते रचते यह खिलाड़ी इसलिए रह गए क्योंकि इन्होंने स्वःहित को छोड़कर टीम के लिए खेलने का फैसला लिया।

क्रिकेट की दुनिया की एतिहासिक मोमेंट्स –

१ – गंभीर और कोहली

क्रिकेट के पुराने इतिहास के पन्नों को पटल के देखिए। गौतम गंभीर और विराट कोहली एक दूसरे के जानी दुश्मन के रुप में देखे जाते थे। लेकिन एक मैच की समाप्ति पर गंभीर ने जो किया उसने सबका नजरिया ही बदल दिया। साल 2009 में मुम्बई के इंडन गार्डन में श्रीलंका के खिलाफ एक दिवसीय मैच में गंभीर और कोहली दोनों ने जानदार प्रदर्शन किया। टीम के 315 रन में दोनों की साझेदारी 224 रन की रही। इसमें गंभीर ने 150 और कोहली ने 107 रन बनाए। इस मैच में ही गंभीर को मैन ऑफ द मैच चुना गया लेकिन जब वह ट्रॉफी लेने गए तो यह कहते हुए सबको चौका दिया कि यह ट्रॉफी विराट को दे दे क्योंकि इसपर उसी का हक हैं।

क्रिकेट की दुनिया की ये पांच एतिहासिक

२ – हेडली का 10वां विकेट

साल 1965 में पहली बार 10 विकेट लेने का रिकोर्ड इंग्लैड के स्पिनर जिम लेकर के नाम हैं। लेकिन साल 1985 में 10वें विकेट को लेकर जो घटना हुई उसने सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरी। दरअसल, न्यूजीलैंड के बॉलर रिचर्ड हेडली ने 1985 में आस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच में 52 रन देकर 9 विकेट लिए। इसके बाद से ही उनके 10वें विकेट लेने के लिए चर्चा होने लगी। हेडली के ओवर के बाद ब्राउन को विकेट बॉलिंग का मौका दिया और लगभग यह तय कर दिया गया कि इसके बाद हेडली को दिया जाएगा और उन्हें 10 विकेट लेने का मौका मिलेगा लेकिन जब ब्राउन के बॉल को जियोफ लॉसन ने पीछे की ओर उपर उछाल दिया तो हेडली बॉल की ओर भागे। उनके पास काफी समय था यह सोचने के लिए कि वो बॉल को कैच को छोड़ दे और अगले ओवर में अपना 10वां विकेट लेकर इतिहास रचे लेकिन उन्होंने अपने बारे न सोचते हुए कैच लेकर मैच को खत्म कर दिया।

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३ – अनिल कुंबले का 10वां विकेट

1985 हेडली बेशक अपने 10वें विकेट के लिए सैक्रिफाइस कर गए हो लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ हुए 1999 के मैच में अनिल कुंबले के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। बस इसमें फर्क इतना था कुंबले के दसवें विकेट के लिए श्रीनाथ ने सैक्रिफाइस किया। श्रीनाथ ने अपने ओवर में सभी बॉलों को ऑफ स्टंप किया ताकि विकेट का कोई चांस ही न रहे और कुंबले को अगले ओवर में विकेट मिल जाए। अगले ओवर में ऐसा ही हुआ कुंबले ने 10वां विकेट लेकर इतिहास के पहले 10 विकेट लेने वाले भारतीय बॉलर बने।

क्रिकेट की दुनिया की ये पांच एतिहासिक

४ – मार्क टेलर का टेस्ट रन

आस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान मार्क टेलर 1998 में इंग्लैड के खिलाफ एक मैच में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले ब्रेन राला का 375 रन का रिकोर्ड तोड़ सकते थे लेकिन उन्होंने टीम की जीत के लिए 334 रन बनाकर खुद को बना आउट हुए खुद के इनिंग को डिक्लेयर घोषित कर दिया।

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५ – रोहित शर्मा का 264 रन

रोहित शर्मा ने 2014 में हुए एक मैच में अकेले 264 रन बनाकर इतिहास रच दिया। लेकिन इस इतिहास में रोहित से ज्यादा मेहनत रॉबिन उथप्पा ने किया। उथप्पा जब मैदान पर आए तो रोहित ने 155 रन बना लिया था। ऐसे में उथप्पा ने एक एक रन लेकर स्ट्राईक रोहित को दिया जिसकी बदौलत रोहित 264 रन बनाने में कामयाब हुए।

 

ये है क्रिकेट की दुनिया की एतिहासिक मोमेंट्स – ये वो पांच खास मौके थे जब इन खिलाड़ियों ने साबित कर दिया कि खुद के खेलने से ज्यादा जरुरी होता हैं वह अपने साथी अपनी टीम के लिए खेले।