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इन अदभुत इंसानों की मौत के आगे किस्मत को भी हार माननी पड़ी !

मौत को चकमा

“जाको राखे साईंयामार सके ना कोई” इस बात को पूरा करते हुए आज हम आपको दुनिया के कुछ अद्भुत लोगों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्‍होंने अपनी मौत को चकमा दे दिया.

मौत के इतने पास होने के बावजूद भी यह लोग जिंदा वापस बच आए.

इन्होंने मौत को बेहद ही करीब से महसूस कर रखा है मौत को चकमा दिया लेकिन फिर भी इसे भगवान का चमत्कार कहिए या इनकी किस्मत जो यह लोग सही सलामत बच गए.

मौत को चकमा

१ – इसीद्रो मेजिया

अपने साधरण दिन की ही तरह मेजिया अपने घर में कुछ काम कर रहे थे. यह कार्य किसी निर्माण से जुडा हुआ था. वह यह कार्य घर की सीढियों में कर रहे थे जिस समय वह नीचे गिरे और उनके गले और दिमाग में 4 इंच की लम्बी कील ने बड़ा सा छोद कर दिया. लेकिन उनकी किस्मत अच्छी थी जो यह कील उनके ब्रेन, स्पाइनल कॉर्ड से बेहद कम मिलीमीटर पर जाकर रूक गई और वो मरने से बच गए. यदि कील उनके ब्रेन के स्पाइनल कॉर्ड तक पहुंच जाती तो उनकी उसी समय मृत्यु हो गई होती. लेकिन अपनी अच्छी किस्मत के कारण वह बच गए.

मौत को चकमा

मौत को चकमा

२ – अहाद एस्राफिल

साल 1987 में एक बच्चा अपने माता पिता के साथ गार्डन में खेल रहा था जिस समय गलती से उस बच्चे को बंदूक से चोट लग गई. हादसा इतना गंभीर था कि उस बच्चे का आधा ऊपरी हिस्सा नष्ट हो गया था. लेकिन फिर भी किसी कारण उसकी मृत्यु नही हुई. डॉक्टर आज तक इस बात का पता नहीं लगा पाए हैं कि ये ऐसा कैसे मुमकिन हुआ. इसे केवल एक मिरेक्ल ही माना जा सकता है जो दिमाग के ऊपरी हिस्से के आधे नष्ट होने के बाद भी उस बच्चे के प्राण सही सलामत बचा लिए गए.

मौत को चकमा

उस बच्चे को बचाने के बाद उसके दिमाग के ऊपरी हिस्से को ऑपरेशन से सिलिकॉन ब्लॉक्स की मदद से भरा गया और उसकी खोपडी को फिर से नया आकार दिया गया. इसके बाद हेयर ट्रांसप्लांट के ज़रिए उसके बाल फिर से उगाए गए. खुशी की बात यह है कि अहाद के प्राण बचा लिए गए और उसको भविष्य में किसी भी प्रकार की शारीरिक और मानसिक परेशानी नहीं आई. 

दुनिया में आजतक वैज्ञानिक इस बात का पता नहीं लगा पाए हैं कि अखिर कैसे यह दोनों व्यक्ति मौत को चकमा दे साईंस को झुठला कर जिंदा बच आए.

दुनिया में ऐसे कई और लोग हैं जो मौत के चंगुल से बच निकल आए हों लेकिन इनके जैसा आजतक और कोई नहीं हुआ.