शराब का असर – कई बार मेरे मन में ख्याल आता है कि क्या सच में शराब पीने के बाद होश नहीं रहता है। शराब पीने के बाद अकसर लोग इधर-उधर की बातें करने लगते हैं और जुबान के साथ-साथ उनके पैर भी लड़खड़ाने लगते हैं।
इस चीज़ को लेकर कई शोध हो चुके हैं कि आखिर शराब पीने के बाद ऐसा क्या होता है जो लोगों को बिलकुल भी होश नहीं रहता।
हाल ही में हुए एक शोध में पता चला है कि शराब का असर इंसान के दिमाग पर पड़ता है। शराब से होने वाला नशा हमारे दिमाग को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचता है और ये हमारे तंत्रिका तंत्र को भी खराब कर सकता है।
रिसर्च में ये बात सामने आई है कि शराब का असर ६ मिनट में होता है – शराब को मस्तिष्क तक पहुंचने में 6 मिनट का समय लगता है। जर्मनी के हाइडेलबर्ग यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के मुताबिक एथेनॉल अल्कोहल का बहुत ही छोटा अणु है। ये बहुत तेजी से खून और पानी में घुल जाता है।
चूंकि इंसान के शरीर में 70 से 80 प्रतिशत पानी होता है इसलिए ये आसानी से पानी में घुलकर पूरे शरीर में फैलते हुए मस्तिष्क तक पहुंच जाता है।
दिमाग तक पहुंचते ही अल्कोहल दिमाग की न्यूरोट्रांसमीटर को प्रभावित करता है और यह दिमाग का वो हिस्सा होता है जो सीधे नर्वस सिस्टम के सेंटर से जुड़ा होता है। अल्कोहल की वजह से न्यूरोट्रांसमीटर नर्वस सिस्टम को अजीब तरह के संदेश भेजन लगता है। ऐसे में नर्वस सिस्टम के पास सही संदेश नहीं पहुंच पाते हैं और व्यक्ति का अपनी बातों और गतिविधियों पर नियंत्रण नहीं रह पाता है।
ये है शराब का असर – लगातार बहुत ज्यादा शराब पीने से दिमाग को गहरा नुकसान पहुंच सकता है। रिसर्च की मानें तो लगातार और ज्यादा शराब पीने की वजह से मस्तिष्क को विटामिन बी 1 नहीं मिल पाता है और इस विटामिन की जगह दिमाग में वेर्निक-कोर्साकॉफ सिंड्रोम होने लगता है। इसी वजह से कई बार अधिक शराब पीने की वजह से डिमेंशिया की बीमारी हो जाती है।