जेमिमा रॉड्रिक्स – अभी कुछ महीने पहले ही मुम्बई एयरपोर्ट पर भारतीय महिला क्रिकेट टीम का जोरदार स्वागत किया गया।
टीम ने महिला वर्ल्ड कप में दूसरे नम्बर पर रही। सिर्फ 9 रनों से इंग्लैंड टीम से हारने वाली इंडिया टीम के लिए यह हार भी किसी जीत से कम नहीं था।
इस मैच में महिला खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन से बता दिया कि जल्दी ही क्रिकेट में भी वो नए इतिहास लिखने वाली हैं। हाल ही में एक ऐसी ही क्रिकेट खिलाड़ी ने मुम्बई के क्रिकेट ग्राउंड पर तहलका मचा दिया।
औरंगाबाद के क्रिकेट मैदान में मुम्बई और सौराष्ट्र के बीच अंडर-19 वुमेन टूर्नामेंट खेला गया। इस मैच में 16 साल की जेमिमा रॉड्रिक्स दोहरा शतक जड़ दिया। इस मैच में मुम्बई ने 50 ओवर में दो विकेट के नुकसान पर 347 रन बनाए जिसमें से अकेले जेमिमा ने 202 रन बनाकर सबको चौका दिया।
4 साल की उम्र में जब लड़कियां बार्बी डॉल और खिलौने पकड़ते हैं जेमिमा ने क्रिकेट के हार्ड बॉल को अपना खिलौना बनाया। इतनी कम उम्र से ही क्रिकेट खेलने वाली जेमिमा रॉड्रिक्स ने सिर्फ 13 साल की उम्र में ही अंडर-19 के लिए खेलने लगी थी।
शुरुआती दौर में जेमिमा रॉड्रिक्स ने एक बॉलर के तौर पर कैरियर बनाना चाहा लेकिन बाद में वो ओपनिंग भी करने लगी।
जेमिमा रॉड्रिक्स सिर्फ इतने तक ही खुद को सीमित नहीं करना चाहती हैं। वो अंडर 17 हॉकी में भी मुम्बई और महाराष्ट्र के लिए खेल चुकी है।
बांद्रा में स्थित सेंट जोसेफ कॉन्वेंट हाई स्कूल में पढ़ रही रही हैं।
सिर्फ 16 साल में यह मुकाम पाने वाली जेमिमा ने बहुत मेहनत की है। उनकी इस मेहनत में उनके दो भाई और पिता का अहम रोल हैं। जब वो पहली बार सिलेक्शन कैम्प में गई तो सभी लड़कियां उससे बहुत बड़ी थी। वो सभी जेमिमा पर हंस रही थी लेकिन जब सिलेक्शन हुआ तो सब उसे देखती ही रह गई।
सचिन से प्रेरित जेमिमा कहती हैं “क्रिकेट कभी आसान नहीं होता। यहां आपको पहले दिन से ही प्रेशर रहता हैं। मेरे लिये ज्यादा प्रेशर था। लड़कों के साथ प्रैक्टिस किया जिन्होंने मुझे बताया कि क्वालिटी कैसे मेनटेंन करते हैं। मैं हमेशा ही अपने बड़े क्रिकेटरों के साथ खेला जिससे मुझे पता चला कि उम्र मायने नहीं रखता बल्कि टैलेंट मानये रखता।”
अपने टैंलेंट के बल पर जिस दिशा में जेमिमा रॉड्रिक्स बढ़ रही हैं। उम्मीद हैं कि वो आने वाले समय में भारतीय महिला क्रिकेट को एक नए मुकाम पर ले जाएंगी।