रानी पद्मावती से जुड़ी बातें – संजय लीला भंसाली की बहुचर्चित और बहुविवादित फिल्म ‘पद्मावती’ रिलीज़ के लिए तैयार है.
ये फिल्म 1 दिसम्बर 2017 को रिलीज़ होने जा रही है. इस फिल्म को लेकर संजय लीला भंसाली पर इतिहास से छेड़छाड़ के आरोप भी लगे है. इस फिल्म को लेकर कई संगठनों ने अपनी आपत्ति दर्ज करवाई है. हालाँकि आज हम आपको इस फिल्म के बारे में नहीं बल्कि असल इतिहास के बारे में कुछ बातें बताने जा रहे है. क्योंकि रानी पद्मावती की असल कहानी किसी फिल्म से कही ज्यादा बढ़कर है.
उनकी कहानी साहस और बलिदान की गौरवगाथा है जो इतिहास में हजारों सालों तक अमर रहेगी.
तो आइये जानते है रानी पद्मावती से जुड़ी बातें –
- – रानी पद्मावती और उनसे जुड़ा इतिहास 13वीं से 14वीं सदी के बीच का है. पद्मावती का जन्म सिंहल द्वीप पर हुआ था, सिंहल द्वीप सीलोन में स्थित है जिसे आज श्रीलंका के नाम से जाना जाता है. तो इस तरह देखा जाय तो पद्मावती आज के हिसाब से एक श्रीलंकन राजकुमारी थी.
- -वहीं कई इतिहासकारो और दार्शनिको मानना है कि पद्मावती एक काल्पनिक कैरक्टर है. लेकिन 1540 में मलिक मोहम्मद जायसी ने ‘पद्मावत’ नामक ग्रन्थ लिखा था जिसमे उन्होंने चित्तौड़ की महारानी पद्मावती की खूबसूरती का बड़े ही विस्तार से बखान किया था तो इस हिसाब से पद्मावती कोई काल्पनिक कैरक्टर नहीं बल्कि असल इन्सान थी.
- -मेवाड़ के राजपूत राजा रावल रतन सिंह से पद्मावती की पहली मुलाकात उनके स्वयंवर में हुई थी. रावल रतन सिंह ने स्वयंवर जीतकर पद्मावती से विवाह किया था. हालाँकि पद्मावती से पहले भी रावल रतन सिंह की पत्नियाँ थी.
- -कहा जाता है कि पद्मावती के पास तोते से बात करने का हुनर था. इस बात का जिक्र इतिहास में भी मिलता है कि पद्मावती एक तोते से बात करती थी. उस तोते का नाम हरी मनि था.
- -कुछ इतिहासकारों का मानना है कि अलाउद्दीन खिलजी ने चित्तौड़ पर चढ़ाई सत्ता और धन के लिए की थी. वहीं कुछ का कहना है कि उसने रानी पद्मावती के लिए राजा रतन सिंह से लोहा लिया था.
- -कहा जाता है कि जब मेवाड़ के पुरोहित राघव चैतन्य को किसी कारणवश राणा रावल रतन सिंह ने बेइज्जत करके अपनी सभा से बाहर निकाल दिया था. तो इस बात का बदला लेने के लिए राघव चैतन्य ने रानी पद्मावती की खूबसूरती का बखान खिलजी से कर दिया था. बस फिर क्या था खिलजी पद्मावती को पाने के लिए उताबला हो गया.
- -कहा जाता है पद्मावती को पाने के लिए खिलजी ने जंग छेड़ दी थी, और इस युद्ध में रावल रतन सिंह की मृत्यु हो गई. लेकिन पद्मावती को किसी भी हाल में खिलजी का दास बनना मंजूर नहीं था. इसलिए पद्मावती ने हजारों महिलाओं के साथ जौहर करते हुए आग में कूदकर अपनी जान दे दी.
रानी पद्मावती से जुड़ी बातें जिनको लेकर कई लोगों के अपने मत बताये जाते रहे है जो हमेशा से ही विवाद उत्पन्न करते रहे है. लेकिन एक बात तो पक्की है कि रानी पद्मावती से जुड़ा इतिहास उनके साहस और बलिदान की गौरवगाथा कहता है. और इस गौरवगाथा को हजारों सालों तक याद किया जायेगा.