फॉर्म्यूले की नीलामी – विज्ञान की दुनिया के सबसे बड़े वैज्ञानिक आइंस्टीन ने खुशहाली पर एक नोट लिखा था जो येरुशेलम में लगभग दस करोड़ 23 लाख रुपए में बिका है।
खास बात ये है कि आइंस्टीन ने ये नोट एक सर्वर यानि वेटर को लिखकर टिप के बतौर दिया था। उस समय आइंस्टीन के पास पैसे नहीं थे।
उस समय आइंस्टीन लैक्चर के सिलसिले में जापान के टोक्यो गए थे। उसी वक्त उन्हें नोबेल पुरस्कार मिलने की घोषणा हुई थी। इसी का संदेश लेकर सर्वर उनके कमरे में आया था। तब उसका शु्क्रिया कहने के लिए आइंस्टीन के पास पैसे नहीं थे।
आइंस्टीन ने इंपीरियल होटल के नोटपैड पर लिखा था – कामयाबी अपने साथ बेचैनी लेकर आती है, इसकी बजाय एक शांत और नम्र जिंदगी आपको ज्यादा खुशी देगी।
बताया जा रहा है कि इस नोट को नीलाम करने वाला शख्स उस सर्वर का भतीजा है। इसी वक्त आइंस्टीन ने एक और नोट लिखा था – जहां चाह, वहां राह। ये नोट भी लगभग 2 करोड़ रुपए मे नीलाम हुआ था। इसे एक यूरोपियन ने खरीदा था जो किसी वजह से अपनी पहचान सामने नहीं लाना चाहता था।
ये फॉर्म्यूले की नीलामी इज़रायल में हुई है और कहा जा रहा है कि इज़रायल में आज तक किसी कागज़ की इतनी महंगी बोली नहीं लगाई गई है।
कितनी सादगी है आइंस्टीन के इस फॉर्म्यले में। ऐसा नहीं है कि उन्होंने कोई नई बात कही है। बात वो ही है जो हम सभी लोग पहले से ही जानते हैं। बस जिंदगी की भागदौड़ में इस पर अमल करना भूल जाते हैं। चलो आइंस्टीन के नाम पर ही सही, अगर आप उनके इस फॉर्म्यूले को अपना लेते हैं तो आपको बड़ा फायदा होगा।
आइंस्टीन ने दुनिया को बहुत कुछ दिया है जो हमारे लिए अब अनमोल बन चुका है।