पार्लियामेंट्री बोर्ड – केंद्र में बैठी भाजपा इस समय देश की सबसे शक्तिशाली पार्टी है।
पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के नेतृत्व में भाजपा बहुत मुखर है और शाह पार्टी के अनुशासन का पूरा कमान संभाले हुए है। भाजपा में पार्टी अध्यक्ष के बाद एक ऐसा पद है जिसपर बैठने के बाद कोई भी नेता सर्वशक्तिमान बन जाता है।
इस पद पर बैठने की इच्छा भाजपा के हर बड़े नेता की होती हैं लेकिन इसपर बहुत कम किस्मत वाले भाजपा नेता ही बैठ पाते हैं। इसी कुर्सी बर बैठने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केंद्र राजनीति में एंट्री हुई थी।
भाजपा के पार्लियामेंट्री बोर्ड में कुल 12 सीट हैं लेकिन वर्तमान में सिर्फ 11 ही सदस्य हैं जो पहले से बैठ हुए हैं। 12वीं सीट पर वेंकैया नायडू विराजमान थे लेकिन नायडू के उपराष्ट्रपति बनने के बाद यह सीट फिर से खाली हो गई है।
पार्लियामेंट्री बोर्ड की इस सीट के खाली होने के बाद ही इस पर बैठने की मारामारी शुरु हो गई है। इस सीट पर भाजपा के कद्दावर नेता राजनाथ, जोशी, आडवाणी, मोदी और अमित शाह सहित कई नेता बैठ चुके हैं।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने अपनी दावेदारी इस पर ठोकते हुए दलील दी है कि वो तीन बार लगातार विधानसभा का चुनाव जीत चुके हैं। वहीं सुनने में आया है कि अमित शाह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस को संसदीय बोर्ड में लाना चाहते हैं। इसके पीछे तर्क यह है कि देवेंद्र मीडिया से दूरी रखते हैं और अंदर की बात अंदर ही रखते हैं इसलिए शाह को उन पर पूरा भरोसा है।
लेकिन वहीं भाजपा का एक बड़ा तबका उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस कुर्सी पर देखना चाहती हैं क्योंकि वर्तमान में मोदी के बाद योगी ही भाजपा के सबसे कद्दावर नेता के रुप में उभर रहे हैं।
सीट खाली होने के बाद से ही इसमें बैठने वालों में केंद्रिय मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक पार्टी और संघ तक अपनी बात पहुंचाने में लगे हुए हैं लेकिन सीट पर कौन बैठता है यह तो पार्टी को ही तय करना है।