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इन 4 हस्तियों की मौत पर बना हुआ है अब भी रहस्य – नम्बर तीन पर तो देश को शर्म आनी चाहिए

हस्तियों की मौत

हस्तियों की मौत – जिंदगी और मौत तो उपर वाले के हाथ में है लेकिन कई बार मौत एक ऐसा रहस्य बन जाता है जिसपर से कभी पर्दा नहीं उठ पाता।

हमारे देश में बहुत से ऐसे राजनीतिक हस्तियां रहे हैं जिनकी मौत एक रहस्य बनकर रह गया। आजतक न तो सरकार और न ही उनके परिवार के लोग बता पाए कि उनकी मौत के पीछे क्या कारण रहे।

आज हम ऐसी ही चार हस्तियों की मौत आज भी एक रहस्य है।

हस्तियों की मौत का रहस्य –

सुभाष चंद्र बोस

1945 में ताइवान हवाई दुर्घटना में मरे सुभाष चंद्र बोस की मौत कोई रहस्य नहीं था। सभी इस एक बात पर सहमत थे कि उनकी मौत हवाई दुर्घटना में हुई लेकिन अचानक ताइवान सरकार ने खुलासा किया कि उस दिन कोई हवाई दुर्घटना हुआ ही नहीं। इसके बाद से उनकी मौत एक रहस्य बन गया। कुछ लोग मानते हैं कि नेता जी ने खुद अपनी मौत की कहानी गढ़ी।

संजय गांधी

संजय गांधी की मौत एक प्लेन क्रैश में हुआ लेकिन आरोप इंदरा गांधी पर लगाया गया। जिस तरह से उनका प्लेन दुर्घटनाग्रस्त हुआ वैसा फ्यूल खत्म होने के कारण ही होता है लेकिन रिकोर्ड कहता है कि प्लेन में पूरा फ्यूल था। ‘द नेहरु डेस्टनी’ के लेखक के.एन. राव ने लिखा है कि संजय गांधी को इंदरा और मोहम्मद युनुस के रिश्ते का पता चल गया था इसलिए इंदरा ने उन्हें मरवा दिया।

लाल बहादुर शास्त्री

देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की मौत ऐसे वक्त में हुई जब भारत-पाक युद्ध को रोकने के लिए वो ताशकंद गए हुए थे। समझौते के बाद उन्हें होटल में मृत पाया गया। मृत्यु का कारण हार्ट अटैक बताया गया लेकिन उनके परिवार का आरोप है कि मरने से पहले उन्होंने दूध पिया था जिसमें जहर था। मरने के बाद उनके शरीर पर नीला निशान था जो जहर के कारण ही होता है।

राजीव दीक्षित

विदेशी कम्पनियों के खिलाफ बड़ा अभियान छेड़ने वाले और स्वदेशी क्रांति के नेता राजीव की मौत हू-ब-हू लाल बहादुर शास्त्री के जैसा था। इनकी मौत को भी हार्ट अटैक बताया गया जबकि इनके शरीर पर भी नीले निशान मिले।

 

ये है वो हस्तियों की मौत जिन पर अब भी रहस्य बना हुआ है। जितने लोग उतनी बातें। लेकिन लाल बहादुर शास्त्री जी की मौत भारत के लिए शर्म की बात हैं। कई लोगों का मानना है कि भारतीय ताकतों ने शास्त्री जी की हत्या करवाई क्योंकि वो ताशकंद समझौते के विरुध थे जिससे इन ताकतों को अपनी राजनीति खतरे में लग रही थी। विदेशी धरती पर हमारे प्रधानमंत्री की हत्या और फिर उसका कई दशक बाद भी खुलासा न हो पाना बड़े सवाल खड़े करता है।