राजस्थान में खजाना – हम लोगों ने खजाने की बहुत सी कहानियां सुनी होगी लेकिन हमारे देश में खजाना सिर्फ कहानियों में ही नहीं है।
यहां बहुत सी ऐसी जगहें है जहां आज भी खजाना मिल जाता है। अंदाजा लगाइए कि तिरुवनंतपुरम के श्रीपद्मनाभस्वामी मंदिर में जो खजाना मिला वह कितना था जबकि अभी सबसे बड़ा खजाना का द्वार खुलना बाकी है।
भारत में प्राचीन काल से ही विदेशी आक्रमण होते रहे हैं। जमीन में खजाना मिलने के पीछे यह सबसे बड़ा कारण है। आक्रमण करने वाले देश में खजाना लूटने के लिए ही आते थे जिस कारण यहां के राजाओं और लोगों ने अपना खजाना जमीन में गाड़ कर उसे सुरक्षित रख लिया।
राजस्थान के एक गांव में कहा जाता है कि हर कदम पर खजाना गड़ा है। इसलिए इस गांव का नाम ही धनगवां रखा गया है। यह गांव राजस्थान के जबलपुर में स्थित है।
यहां खजाना ढ़ूंढ़ने के लिए बाहर से भी लोग आते हैं। गांव के लोगों का दावा है कि यहां जहां भी खुदाई की जाए वहां खजाना मिलेगा। इस गांव में इतना खजाना है कि पूरे जबलपुर की काया पलटी जा सकती है।
लोग राजस्थान में खजाना ढूँढने आते है – यहां के लोगों को अकसर चुपचाप सबसे छुपा कर खुदाई करते देखा गया है। जिसमें उनका दावा है कि ज्यादातर लोगों को खजाना भी मिला है। मकान बनाते समय अकसर खुदाई में लोगों को खजाना मिल जाता है। यही कारण हैं कि यहां मकान की खुदाई के वक्त मकान मालिक खुद मौजूद होता है। उन्हें डर होता है कहीं मजदूर के हाथ खजाना न लग जाए।
यहां खजाने का एक किस्सा बहुत प्रसिद्ध है। यहां मार्बल के खुदाई का काम करने वाले एक खदान मालिक को खुदाई में इतना खजाना मिला कि वो मालामाल हो गया। उसके बाद से ही वो बहुत अमीर आदमी बन गया।
कुछ लोगों का दावा है कि अब भी कम से कम 10 जगहों पर बड़ी मात्रा में खजाना है। मौका मिलने पर अब भी लोग इसकी तलाश में लग जाते हैं। उन्हें उम्मीद है कि जब भी उन्हें खजाना मिलेगा उनके दिन बदल जाएंगे।
राजस्थान में खजाना मिलना स्वभाविक है क्योंकि वहां ज्यादातर राजा महाराजा रहते थे जो अपने खजानों को महल से दूर कई जगहों पर गड़वा दिया करते थे जिसे बाद में निकाला जा सके।