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देश की प्रगति के लिए इस देश का हर व्यक्ति संडे को फ्री में करता है काम

देश की प्रगति के लिए

देश की प्रगति के लिए – किसी भी देश की प्रगति उस देश की आर्थिक स्थित पर निर्भर करती है।

किस देश की इकोनॉमी कितनी अच्छी और मजबूत है यह तय करता है कि वह देश किस तेजी से प्रगति कर रहा है। इसलिए देश की प्रगति में हर एक उस नागरिक का योगदान होता है जो रोजगार में शामिल होता है।

अर्थवयस्था के लिए मूल जरुरतों मे धन के अलावा ह्यूमन रिसोर्सेस भी अहम होता है, इसलिए तो ह्यूमेन रिसोर्सेस को मानव पूंजी भी कहा जाता है क्योंकि इनकी मेहनत ही पूंजी का रुप लेती है।

सभी देश अपने मानव पूंजी का पूरा ध्यान रखती है ताकि देश तरक्की कर सके। वहीं एक देश ऐसा भी है जहां हर व्यक्ति सप्ताह में हर संडे फ्री में काम इसलिए करता है देश की प्रगति के लिए ।

इस देश मे काम करने वाले प्रत्येक नागरिक को सातो दिन काम करना पड़ता हैं। यहां कोई छुट्टी नहीं होता क्योंकि यहां के राजा का मानना है कि छुट्टियां देशहित में नहीं है। यहां बहुत जरुरत होने पर ही छुट्टियां दी जाती है।

सात दिन काम करने वाले कर्मचारियों को सिर्फ 6 दिन के काम के ही पैसे दिये जाते है। एक दिन का पैसा इसलिए नहीं दिया जाता क्योंकि वो एक दिन देश की प्रगति के लिए मान लिया जाता है। चाहे कोई प्राइवेट नौकरी हो या सरकारी। यह नियम सभी में लागू होता है।

यह जानकर बहुत आश्चर्य होगा कि यह नियम जनता के खुद के फैसले से नहीं बल्कि वहां के शासक के फैसले से होता है। इसमें जनता की सहमति-असहमति से कोई लेना देना नहीं।

यह नियम दुनिया के ऐसे देश में हैं जहां के शासक को दुनिया का सबसे क्रूर और सनकी तानाशाह कहा जाता है। हम जिस देश की बात कर रहे हैं उसका नाम उत्तर कोरिया हैं। उत्तर कोरिया हमेशा ही अपने कठोर नियमों के कारण सुर्खियों में रहता है। यह दुनिया का ऐसा देश हैं जो अपनी जानकारी को गुप्त रखना चाहता है। यहां के राजा किम जोंग के मर्जी के बिना कोई भी जानकारी सार्वजनिक नहीं की जाती।

देश की प्रगति के लिये एक दिन फ्री में काम करना अच्छी बात हो सकती है लेकिन जनता पर इस नियम को थोपना सही नहीं है। वहां की जनता अपने सनकी तानाशाह के खिलाफ कोई कदम भी तो नहीं उठा सकती क्योंकि वो बहुत क्रूर है। इसलिए मजबूर होकर उन्हें छुट्टियों के दिन भी काम करना पड़ता है।