पुलिसवाले FIR लिखने से मना करे – अक्सर देखा जाता है कि आम आदमी पुलिस के पचड़े से दूर भागता है और उसे कानून पर ना के बराबर जानकारी रहती है।
ये जानकारी इतनी कम होती है कि उसे अपने अधिकारों के बारे में भी पता नहीं होता। खुदा ना खास्ता अगर किसी के साथ कुछ हो जाता है और वो पुलिस स्टेशन प्राथमिकी (FIR) दर्ज कराने जाता है तो पुलिस वाले उसे खाली हाथ लौटा देते हैं और वो वापस भी लट आता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उसे पता ही नहीं होता कि अगर पुलिस वाले प्राथमिकी दर्ज करने से टालमटोली करें तो क्या करना चाहिए। आज यंगिस्थान आपको बताएगा कि अगर पुलिसवाले FIR लिखने से मना करे तो क्या कदम उठाएं।
पुलिसवाले FIR लिखने से मना करे –
वरिष्ठ अधिकारी से करें लिखित शिकायत:
अगर आपके बार-बार पुलिस स्टेशन जाने के बावजूद पुलिसवाले आपकी प्राथमिकी दर्ज नहीं कर रहे हैं तो आपको वरिष्ठ अधिकारियों के पास जाना चाहिए और लिखित में शिकायत दर्ज करानी चाहिए।
मेट्रोपोलियन मजिस्ट्रेट की अदालत में अर्जी दें:
अगर वरिष्ठ अधिकारी के पास जाने के बाद भी प्राथमिकी नहीं लिखी जा रही तो आप सीआरपीसी (क्रिमिनल प्रोसीजर कोड) के सेक्शन 156(3) के तहत मेट्रोपोलियन मजिस्ट्रेट की अदालत में अर्जी दे सकते हैं। मजिस्ट्रेट के पास अधिकार और शक्तियां हैं कि वो पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने को कह सकता है।
प्राथमिकी दर्ज ना करने वाले पुलिसवालों पर होती है कार्रवाई:
सुप्रीम कोर्ट के आदेश हैं कि अगर कोई पुलिसवाला प्राथमिकी दर्ज करने से इनकार करता है तो उसपर कार्रवाई की जाए। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा है कि प्राथमिकी दर्ज होने के एक हफ्ते के बाद जांच पूरी हो जानी चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता तो संबंधित पुलिसवाले को कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
अगर पुलिसवाले FIR लिखने से मना करे to ये कदम उठाइए – बहुत बार देखा गया है कि जब कोई आम आदमी प्राथमिकी दर्ज कराने पुलिस स्टेशन जाता है तो पुलिसवाले टालमटोल करके उसे भगा देते हैं। उसकी प्राथमिकी दर्ज करने की बजाए उसी को परेशान करते हैं और भगा देते हैं। ऐसे में आपको अपने अधिकार का पता होना चाहिए। आपको मालूम होना चाहिए कि अगर कोई पुलिसवाला आपकी प्राथमिकी दर्ज नहीं कर रहा तो आपको क्या करना चाहिए। हमें पूरी उम्मीद है कि हमारे आज के विषय से आपको जरूर सहायता मिलेगी।