और एक बार फिर उबेर कैब मुसीबत में पड़ गया है.
अभी दिसम्बर की ही बात है, उबेर कैब के ड्राईवर ने एक लड़की के साथ बलात्कार किया.
उस वक़्त उबेर कैब पर बैन लगाये जाने की मांग की जाने लगी. सरकार ने उबेर पर बैन भी लगा दिया. पर उबेर अपनी हरकतों से बाज नहीं आया. और उसने बिना इज़ाज़त के अपनी सर्विसेज शुरू कर दी.
नतीजा एक और घटना?
इस बार भी जगह गुडगाँव ही रही.देश की राजधानी दिल्ली से सटा गुडगाँव.
आयुषी ने रात को सुरक्षित घर पहुँचने के लिए उबेर कैब बुक किया. पर सुरक्षा की गारंटी देने वाली कैब सुरक्षा दे नहीं पाई. इतिहास खुद को दुहराने की कोशिश में था, पर आयुषी के चौकन्ना रहने के कारण और समय पर पलटवार करने के कारण इस बार घटना खुद को दुहरा नहीं हो पाई.
आयुषी को लेने आये “ उबेर “ कैब के ड्राईवर ने उसे ज़बरदस्ती किस करने की कोशिश की. आयुषी ने ड्राईवर को धक्का दिया और वहां से निकल पाने में सफल हुई. “उबेर “ कैब को शिकायत किये जाने पर, उधर से एक लिखा- लिखाया माफीनामा आया.
पर उस ड्राईवर पर क्या एक्शन लिया गया ? ये अब तक नहीं बताया गया ?
आयुषी के भाई ने जब फेसबुक पर उबेर कैब इस लापरवाही को बताया. तब उबेर ने भरोसा दिलाया की एक्शन लिया जा चुका है.
सवाल फिर से यही उठता है की क्या अभी सिर्फ एक ड्राईवर पर एक्शन लेने से उबेर या बाकि कैब सर्विस की ज़िम्मेदारी पूरी हो जायेगी. ज्यादातर कैब सर्विस पैसे बचाने के लिए फ्रीलांसर ड्राईवर को रखते हैं. जिनका कभी सही से पोलिस वेरिफिकेशन भी नहीं होता.
पिछली बार जब उबेर कैब में रेप का मामला सामने आया तब पता चला की ड्राईवर की ये पहली हरकत नहीं रही है. पहले से ही क्रिमिनल एक्टिविटीज में लिप्त रहे किसी व्यक्ति को कैसे नौकरी पर रखा जा सकता है.
और सबसे बड़ी बात जिस कैब सर्विसेज पर बैन लगाया गया है, वो वापस शुरू कैसे हो सकती है.
गलती आयुषी की भी कही जा सकती है. ये जानकारी होने के बावजूद की उबेर कैब पर बैन लगा है उन्होंने ये कैब सर्विस क्यूँ ली?
फिलहाल उबेर के लिए काफी सारे सवाल हैं और एक बार फिर ये कैब सर्विस मुश्किल में फंसती नज़र आ रही है.