दिल्ली के पॉवर गैलरी में एक नया नाम गूँज रहा है, वो है वेंकैय्या नायडू का.
“The Eviction Man” वेंकैय्या नायडू शहरी एवं विकास मंत्री हैं.
जो सालों से कोई न कर सका वो वेंकैया नायडू ने साल भर में कर दिखाया. पिछले एक साल में नायडू ने लुटियन ज़ोन के 461 बंगले खाली करा दिए. इसमें से 37 बंगलो को बल का प्रयोग कर खाली कराया गया. जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के बेटे और राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख अजीत सिंह का बंगला भी शामिल है.
शुरुआत में 429 मंत्रियों और सांसदों को नोटिस भेजा गया, पर सिर्फ 44 नेताओं ने अपना बंगला खाली किया. उसके बाद दबाव बनाकर 380 “Eviction” आर्डर जारी किये गए और बंगले खाली कराये गए. इसमें राजद प्रमुख लालू यादव और जदयू नेता के.सी. त्यागी के आलावा कई यूपीए नेताओं के नाम शामिल है.
आज जो भाजपा और वेंकैया नायडू कानून का पालन करते दिख रहे हैं. एक वक़्त था जब उन्होंने भी अपने बंगले खाली नहीं किये थे. 2004 में हार के बाद बहुत कम भाजपा सांसदों ने अपना बंगला छोड़ा था. खुद वेंकैया नायडू वर्ष 2000 से अपने औरंगजेब रोड बंगले में रह रहे हैं. उन्होंने अपना बंगला कभी नहीं छोड़ा.
कांग्रेस और बाकी पार्टियाँ भाजपा से बार-बार यही सवाल कर रही थी. ये सही है की आप कानून का पालन करें, पर जब आप सब ने अपना बंगला खाली नहीं किया था, तब क्या हुआ था?
नैतिकता के आधार पर तब भी आपको अपने बंगले खाली करने चाहिए थे.
भाजपा का कहना है, कि ये बस एक इत्तेफ़ाक है की हम सत्ता में आये और सुप्रीम कोर्ट ने लुटियन ज़ोन के बंगलों पर अनाधिकारिक रूप से कब्ज़े पर दायर PIL पर सरकार से जवाब माँगा. हमने साफ़ कर दिया कि जो बंगले पर रहने के लिए अधिकृत नहीं हैं हम उन्हें नहीं रहने देंगे.
खैर जिसके हाथ में सत्ता की चाभी है वो कुछ भी कर सकता है.
और इस वक़्त लुटियन ज़ोन “Eviction Man” से थर्राया हुआ है.