सास बहू की कुंडली – पहले समय में लड़कियां घर में रहने की वजह से अपने ससुराल में सारे एडजेस्टमेंट कर लेती थीं, लेकिन आजकल काम के लिए घर से बाहर जाने वाली लड़कियां लाइफ को कूल होकर जीना चाहती हैं।
सदियों से हिंदू धर्म में लड़का और लड़की की कुंडली मिलाने के बाद ही शादी पक्की की जाती थी। आज भी ये परंपरा काफी मजबूती से कायम है।
आज भी कुंडली ना मिलने पर लोग रिश्ते की बात आगे नहीं बढ़ाते हैं लेकिन अब लगता है कि ये पंरपरा बदल रही है।
अब लड़कियां मॉडर्न हो गईं हैं तो उनके नखरे भी बदल गए हैं। पहले के ज़माने में जहां लड़कियां सिर्फ लड़कों तक ही अपनी कंपैटिबिलिटी को सीमित रखती थीं वहीं आज वह अपनी सास को लेकर भी काफी गंभीर होती जा रही हैं।
आपको शायद यकीन नहीं होगा लेकिन अब लड़कियां अपने होने वाले पति से पहले सासू मां की कुंडली मिलाने लगी हैं।
लड़कियों का कहना है कि पति के साथ तो एडजस्टमेंट हो ही जाता है लेकिन सासू मां के साथ सोच मिलाकर चलना थोड़ा मुश्किल काम होता है। इसलिए अब सास बहू की कुंडली मिलाने का चलन हो चला है – लड़कियां शादी के लिए अपनी सास की भी कुंडली मिलवाने लगी हैं।
सास बहू की कुंडली मिलवाने के फायदे
– शादी से पहले सास-बहू की कुंडली मिलवाकर लोग गृह-क्लेश से बचना चाहते हैं। लड़कियां घर में पति से ज्यादा सास के साथ वक्त बिताती हैं। ऐसे में अगर दोनों के सुर अलग जाएंगें तो घर में लड़ाई होना स्वाभाविक है।
– लड़कियां ही नहीं लड़के वाले भी अब सासू मां से लड़की के विचार मिलाने में लगे रहते हैं। लड़के की मां को हमेशा ये डर बना रहता है कि कहीं उनकी बहू उनके बेटे को उनसे दूर ना कर दें। इसलिए अब वो भी लड़की से अपनी कुंडली मिलवा ही लेती हैं।
– कई बार सास के साथ झगड़े की वजह से पति-पत्नी का रिश्ता टूट जाता है। सास-बहू की कुंडली मिलवाकर इस परेशानी से बचा जा सकता है।
ये है सास बहू की कुंडली मिलाने के फायदे अगर आप भी जल्द शादी करने के बारे में सोच रहीं हैं तो आपको भी लड़के से पहले उसकी मां से अपनी कुंडली मिलवा लेनी चाहिए।