रजनीकांत राजनीति में – जैसे ही तमिल फिल्मों के सुपर स्टार रजनीकांत ने राजनीति में आने के संकेत दिए तो चेन्नई से लेकर दिल्ली तक सत्ता के गलियारों में खलबली मच गई.
रजनीकांत राजनीति में आने की खबर से ज्यादा जिस बात को लेकर खलबली मची वह है उनके भाजपा में शामिल होने को लेकर. इसके बाद जयललिता की मौत के बाद से गर्म चल रही तमिलनाडू की राजनीति में एकाकए उबाल आ गया.
जाने-माने फिल्म अभिनेता और तमिल सुपरस्टार रजनीकांत के राजनीति में आने को लेकर तमिलनाडू में उनका विरोध भी शुरू हो गया है. कहा जा रहा है कि वहीं के एक स्थानीय संगठन तमिलर मुन्नेत्र पडाई यानी टीएमपी ने रजनीकांत के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया है.
रजनीकांत राजनीति में आने की खबर को ध्यान में रखते हुए चेन्नई में उनके घर के सामने सुरक्षा-व्यवस्था मजबूत कर दी गई है. रजनीकांत राजनीति में आने को लेकर हो रहे विरोध को देखते हुए प्रशासन ने रजनीकांत पर हमले की आशंका को देखते हुए तमिल सुपरस्टार के घर के बाहर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया है.
गौरतलब है कि टीएमपी ने कहा है कि एक कन्नड़ मूल के व्यक्ति का तमिलनाडु पर शासन नहीं कर सकता.
तमिल फिल्मों के सुपर स्टार रजनीकांत कर्नाटक के रहने वाले हैं. वे 23 साल कर्नाटक में रहे हैं. जबकि उनके बाद करीब 43 सालों से वे तमिलनाडु में रह रहे हैं.
इसको लेकर रजनीकांत ने भी कहा है कि वे कर्नाटक से हैं, लेकिन तमिलनाडू के लोगों ने उनका इतना स्वागत किया कि वे अब असली तमिल बन गए हैं.
जानकारों की माने तो रजनीकांत ने तमिल बन जाने की बात कहकर इशारा किया है कि वे सही समय पर राजनीति में कूदेंगे. उन्होंने करुणानिधि के पुत्र एमके स्टालिन, अंबुमणि रामदौस और तिरुमावलन की तारीफ की और कहा, मेरे पास काम और जिम्मेदारी है, आपके पास भी हैं. चलिए काम करते हैं. लेकिन जब आखिरी युद्ध आएगा, हम सब देखेंगे.
आपकों बता दें कि तमिलनाडु में लोग रजनीकांत के इस कदर दीवाने हैं कि उन्हें दीवानगी में थलाइवा कहते हैं. थलाइवा शब्द थलाइवर से बना है,जिसका अर्थ है, लीडर या बॉस.
लेकिन ऐसा नहीं है कि दक्षिण भारत का सबसे लोकप्रिय फिल्मी सितारा पहली बार राजनीतिक बातें कर रहा है. यह सही है कि रजनीकांत ने कभी चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन वह कभी सियासत से दूर भी नहीं रहे. जब भी चुनाव आते हैं, उनके लाखों दीवाने फैन इंतजार करते हैं कि वे किसको समर्थन देने का ऐलान करेंगे.
वहीं दूसरी ओर तमिलनाडु की कद्दावर नेता और राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के निधन के बाद राज्य में आई राजनीतिक शून्यता के बीच तमिल सुपरस्टार ने जिस तरह से राजनीति में आने के संकेत दिए हैं. इसको लेकर राज्य में हलचल बढ़ गई है.