जल्द ही भारतीय सेना के बेड़े में एक ऐसी तो शामिल होने वाली है जो दुश्मनों को हर चारों दिशाओं में मारेगी.
जबकि अभी तक होता क्या था कि तोप को एक निश्चित स्थान पर खड़ाकर फिर वहां से निशाना साधकर दुश्मन पर गोला दागा जाता था. इस प्रक्रिया में काफी वक्त लगता था. कई बार तो इस बीच दुश्मन अपनी पोजिशन ही बदल लेता था.
लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. दुश्मन जिस भी कोने में छिपेगा भारत की ये स्वदेशी तोप उसे वहीं घूम घूम कर मारेगी. आपकों बता दें प्रद्यौगिकी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी एलएंडटी भारतीय सेना को सौ स्वचालित तोपों की आपूर्ति करेगी.
कंपनी को 45 सौ करोड़ की लागत से तैयार होने वाली तोपों को बनाने ऑर्डर मिला है. आपूर्ति 42 माह के दौरान पूरी करनी है.
एलएंडटी ने अपनी सहयोगी कंपनी दक्षिण कोरिया की हान्वा टेक विन के साथ 2011 में इस करार के लिए बिडिंग की थी. एलएंडटी के जयंत पाटिल ने बताया कि भारतीय सेना की तरफ से किसी भारतीय निजी कंपनी को दिया जाने वाला यह सबसे बड़ा आर्डर है.
अपने आप घूमने वाली ये के9 वज्र-टी तोपें हान्वा टेक विन की के9 थंडर तोपों का आधुनिक वर्जन है. थंडर तोपों को विश्व में सबसे बेहतरीन माना जाता है. एलएंडटी ने हान्वा टेक विन के साथ पिछले माह में करार किया था कि के9 वज्र-टी को दोनों मिलकर तैयार करेंगी.
दरअसल, पाकिस्तान से लगी सीमा पर रक्षा तैयारियों के लिहाज से सेना के लिए के9 वज्र-टी तोपे काफी अहम है. यही कारण है कि मोदी सरकार इसको बनाने के प्रोजेक्ट को तेजी से आगे बढ़ा रही है.
यह मेक इन इंडिया मुहिम के तहत एक बड़ा प्रोजेक्ट है, जिसमें पहली बार कोई भारतीय कंपनी तोप बनाएगी. हालांकि इसमें कोरियाई कंपनी का तकनीकी सहयोग होगा, पर आधा कंटेंट स्वदेशी होने की बात कही गई है.
मेक इन इंडिया के तहत बनने वाली इन तोपों को भारत में ही कम लागत में सपोर्ट सिस्टम उपलब्ध होगा.
जिससे सेना को बहुत आसानी होगी. गौरतलब है कि बोफोर्स तोप बनाने वाली कंपनी पर घूसखोरी के आरोप लगेन के बाद उसे ब्लैक लिस्टेड कर दिया था, जिस कारण बाद में सेना को जरूरत के समय काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था.