अक्सर लोग सोचते हैं कि भारत में ही धार्मिक स्थलों पर महिलाओं को जाने से रोका जाता है. जबकि ऐसा नहीं है. दुनिया में कई देश है जहां धार्मिक कारणों से महिलाओं को जाने की मनाही है.
जापान में एक ऐसा टापू है जहां महिलाओं को जाने की इजाजत नहीं है.
जापानी अखबार असाही शिंबून की रिपोर्ट के मुताबिक जापान के दक्षिण-पश्चिम में स्थित ओकिनोशिमा टापू पर धार्मिक कारणों से केवल पुरुषों को जाने की अनुमति है. महिलाओं के वहां जाने पर रोक है.
बताया जाता है कि ओकिनोशिमा टापू पर मुनाकाटा ताइशा ओकित्सुमिया श्राइन मौजूद है जहां समुद्र की देवी की पूजा की जाती है. ओकिनोशिमा टापू में यह पूजा कोई आज से नहीं बल्कि प्राचीन काल से चली आ रही है. कहा जाता है कि समुंद्र में जाने वाले जहाजों की सुरक्षा के लिए यह पूजा की जाती थी. भारत में भी कथाओं में इस प्रकार की समुद्र पूजा का वर्णन मिलता है.
दरअसल, पुराने समय से चली आ रही धार्मिक पाबंदियां आज भी इस टापू पर मान्य हैं जिनमें महिलाओं के आने पर प्रतिबंध भी शामिल है. मान्यता के अनुसार यहां आने वाले पुरुषों को पहले नग्न होकर शुद्धिकरण के लिए एक विधि का पालन करना पड़ता है और उनसे अपेक्षा की जाती है कि टापू की यात्रा का विवरण वो किसी से भी नहीं बताएगा.
इतना ही नहीं, जो लोग इस टापू पर जाते हैं उन्हें वहां से लौटते समय अपने साथ कोई यादगार चीज लाने की भी इजाजत नहीं है. यहां तक कि वहां से लौटने वाले लोग घास तक नहीं ला सकते हैं.
ज्ञात हो कि चौथी और नवीं शताब्दी के बीच इस टापू पर कोरियाई प्रायद्वीप और चीन के बीच व्यापार विनमय होता था.
देश विदेश में इस टापू की लोकप्रियता बढ़ती ही जा रही है. इसको देखते हुए इस टापू को विश्व धरोहर स्थल बनाने की बात भी चल रही है.
इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने पर कुछ वहां कुछ नियमों में बदलाव करने की और उसमें कुछ नई बातों को शामिल करने की जरूरत होगी. लेकिन मुनाकाटा ताइशा के अधिकारी का कहना है कि अगर इस टापू को वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल कर लिया जाता है तब भी हमारे नजरिए में बदलाव नहीं आएगा. हम टापू पर आनेवालों के लिए बने नियम में बदलाव नहीं करेंगे
ऐसे में ओकिनोशिमा टापू पर पर्यटन को बढ़ावा देना जापान में एक मुद्दा बन सकता है जिस प्रकार भारत में कुछ मंदिरों और दरगाहों में महिलाओं का प्रवेश मुद्दा बना था.
लेकिन इन सब के बीच फिलहाल ऐसी कोई संभावना नहीं है कि महिलाओं के टापू पर जाने पर लगी पाबंदी को हटाया जाएगा. भले ही इस टापू को यूनेस्को के वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल करने का प्रस्ताव दिया गया है.