बॉलीवुड ने समाज को बहुत कुछ दिया है।
बॉलीवुड में बनी फिल्में जहां समाज को शिक्षित करती है वहीं समाज में फैली बुराईयों को भी दर्शाने का काम करती है। फिल्में किसी न किसी सामाजिक मैसेज के साथ स्क्रीन पर चलती है। अमिताभ की ‘पिंक’ हो या परेश रावल की ‘ओ माई गॉड’, लोगों को समाज के अहम मुद्दे पर लोगों का ध्यान दिलाती है।
सिर्फ फिल्में ही नहीं बहुत से ऐसे बॉलीवुड कलाकार है जो फिल्मों के माध्यम से सामाजिक मैसेज तो देते ही हैं साथ ही अपने नीजी कार्यों से भी समाज को मैसेज देने का काम करते है।
अक्षय कुमार उन्हीं कलाकारों में से एक है।
अक्षय कुमार हर 6 महीने में वैष्णों देवी मंदिर जाते हैं। वैष्णों देवी मंदिर जाना, दर्शन करना ही उनका मुख्य उद्देश्य नहीं होता बल्कि समाजिक सेवा की भावना भी उन्हें माता के दरबार तक लेकर जाती है।
अक्षय वैष्णों देवी मंदिर में दर्शन के साथ साथ वहां हर बार दो से तीन लाख रुपये सामाज के सेवा में गरीबों के लिए खर्च भी करते हैं।
अक्षय का मानना है कि जरुरतमंद लोगों की मदद करना एक महान कार्य है। इसलिए मैं इसे करता हूं।
अक्षय का मंदिर को लेकर विचार बहुत ही सामान्य सा है। उनके अनुसार मंदिर का सही अर्थ है कि भगवान आपके दिल में रहते हैं। आपका दिल ही सही मंदिर है जहां भगवान वास करते हैं जो आपको लोगों की मदद करना सिखाते हैं ।
अक्षय को बॉलीवुड के एक्शन हीरो है। जिनके स्टंट के लोग दिवाने हैं। पहले कॉमेडी फिल्में ज्यादा करते थे लेकिन पिछले कुछ सालों से अक्षय सोशल मैसेज वाली फिल्में कर रहे हैं।
एयरलिफ्ट, बेबी, स्पेशल 26 जैसी फिल्में सामाजिक मुद्दों पर बनी है वहीं अक्षय की आने वाली फिल्म ‘टॉयलेटः एक प्रेम कथा’ भी उसी सीरीज की फिल्म है।
सामाज से अक्षय इतने जुड़े हुए हैं कि उन्होंने अपनी सोशल टीम बना रखी है जिनका काम सोशल मीडिया को मॉनिटर करना और फिर अक्षय को सलाह देना होता है। ये टीम रिसर्च करती है और सामाजिक फिल्मों के लिए आईडिया देती है जिसपर अक्षय विचार करते हैं और फिल्म बनाते हैं।
बॉलीवुड में अक्षय ऐसे अकेले नहीं है बल्कि ज्यादातर फिल्म कलाकार समाज के लिए कुछ न कुछ करते रहते हैं। सलमान खान और उनकी एनजीओ बींग ह्यूमेन भी उसी कड़ी में एक है।