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अब नहीं होगी अजान क्योकि अब बंद होने वाली है मस्जिदें !

फ्रांस की मस्जिदें बंद करवा दी जायेगी

फ्रांस की मस्जिदें बंद करवा दी जायेगी  – मस्जिद और यहाँ होने वाली अजान के ऊपर एक तरफ भारत में सोनू निगम ने बहस छेड़ रखी है वहीं दूसरी तरफ फ़्रांस में भी इस विषय पर बवाल मचा हुआ है.

आज मस्जिद के ऊपर यदि लोगों की निगाह है तो इसके पीछे कहीं ना कहीं कारण कट्टरता रही है.

मुस्लिम देशों में भी यदि शान्ति नहीं है तो उसके बाद से यह सवाल उठना लाजमी है कि आखिर इसके बाद कहाँ शांति होगी.

आपको बता दें कि इस समय फ़्रांस में राष्ट्रपति पद के चुनाव चल रहे हैं.  इसी क्रम में राइट विंग की उम्मीदवा मरीन ली पेन ने कहा है कि कि अगर वो चुनाव जीतती हैं तो फ्रांस की मस्जिदें बंद करवा दी जायेगी. इस ऐलान के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी ली पेन के सपोर्ट में अपील की है. पेन ने भी ट्रम्प की तरह मुस्लिमों पर सख्त कार्रवाई का वादा किया है. पेन ने कहा है कि वे फ्रांस की मस्जिदें बंद करवा दी जायेगी  और नफरत फैलाने वालों को देश से निकाला जाएगा.

इस ब्यान का सीधा-सा अर्थ है कि इस्लाम को अब विश्वभर में लग नजरिये से देखा जा रहा है. कहीं ना कहीं विश्वभर के लोग मानने लगे हैं कि शान्ति लानी है तो कुछ ना कुछ करना होगा. वैसे इस तरह के बयानों की निंदा भी करनी चाहिए. धर्म कोई भी खराब नहीं होता है. असल में खराब लोग होते हैं और धर्म की आड़ में यही लोग अपना व्यापार कर रहे होते हैं.  चुनाव जीतने के लिए पहले ट्रंप ने भी इसी तरह की नीति को अपनाया था और आज फ़्रांस भी इसी तरफ बढ़ रहा है. 

क्या बोला है मरीन ली पेन ने

नेशनल फ्रंट पार्टी की कैंडिडेट मरीन ली पेन ने कहा कि वे फ्रांस की मस्जिदें बंद करवा दी जायेगी, नफरत फैलाने वाले सभी धर्मगुरुओं को फ्रांस से निकाल देंगी. सीमा पर चौकसी बढ़ाते हुए रिफ्यूजियों को देश में नहीं आने देंगी. ली पेन ने यह भी कहा कि कट्टरवाद फैलाने के लिए सुरक्षा एजेंसियों के निगरानी में जितने लोग हैं, उन्हें देश से निकाल दिया जाएगा. अगर वे फ्रांस की नागरिकता ले चुके हैं तो उन्हें वापस ले लिया जाएग. ली पेन अगर चुनाव जीत जाती हैं तो वे फ्रांस की पहली महिला राष्ट्रपति होंगी. ली पेन 2012 के चुनाव में तीसरे नंबर पर रह चुकी हैं.

अब इस ब्यान के बाद जिस तरह के रुझान आ रहे हैं उसमें मरीन को काफी आगे बताया जा रहा है. इस ब्यान का सीधा सा अर्थ है कि आज इस्लाम धर्म के लोगों को अपनी छवि विश्वभर में सही करने की जरूरत है.

अपने अच्छे कामों को आज इनको सामने लाना ही होगा.

वहीँ दूसरी तरफ नेताओं को भी समझना होगा कि किसी धर्म को इस तरह से दिखाकर चुनाव जीतना भी गलत होगा.