गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू कश्मीर को लेकर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है.
राजनाथ सिंह ने कश्मीर को लेकर कहा है कि ठीक एक साल बाद आपकों कश्मीर बदला बदला नजर आएगा. ये कैसे होगा इसको छोड़ दीजिए. सुरक्षा बल कश्मीर को सुधारने के लिए क्या करते हैं कैसे करते हैं ये उनका काम है. लेकिन बहुत जल्द कश्मीर में आपको पत्थरबाज नजर नहीं आएंगे.
गृहमंत्री राजनाथ सिंह का ये बयान बहुत मायने रखता है.
दरअसल, राजनाथ सिंह का ये बयान कश्मीर के नेता लोगों बयान के बाद आया है जिन्होंने हाल में कश्मीर को लेकर कई विवादास्पद बयान दिए.
आपको बता दें कि कश्मीर के नेता लोगों की तुलना अभी मुख्यधारा के नेताओं के तौर पर की जाती थी. इन नेताओं में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैफुदीन सोज से लेकर नेशनल कांफ्रेस के फारूख अब्दुल्ला तक शामिल रहे हैं.
फारूख अब्दुल्ला ने तो कश्मीर के पत्थरबाजों को आजादी के सिपाही तक कह दिया. वहीं सैफुदीन सोज ने कश्मीर की समस्या का कारण पाकिस्तान को नहीं बल्कि भारत को बताया है.
ऐसे में सवाल यह है कि आखिर क्या वजह है कि मोदी सरकार में कश्मीर के नेता लोगों की जुबान इतनी क्यों बहक रही है. वो बार बार भारत के खिलाफ बयान क्यों दे रहे हैं.
इसको लेकर जानकारों का कहना है कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद कश्मीर में कुछ बदलाव हुए है. एक ओर मोदी वहां की जनता को हर मुसीबत में सुविधा प्रदान कर रहे हैं तो दूसरी ओर वो अलगाववादियों को अलग थलग करने की मुहिम भी चला रहे हैं.
इसके अलावा एक ओर सबसे बड़ा काम वहां हो रहा है वह अलगाववादियों के बाहर के देशों से आने वाले फंड पर मोदी सरकार ने पूरी तरह रोक लगा दी है. यानी उनकी लाइफ लाइन को मोदी सरकार ने काट दिया है.
इसके अलावा अब आतंकवादियों और उनके मददगारों की सेना और सुरक्षाबल कमर तोड़ रहे हैं. जहां से कोई भी सूचना मिल रही है सेना उस पर तुरंत कार्रवाई कर रही है.
इन सब से धीरे धीरे इन नेताओं का जनाधार अब वहां खिसकने लगा है. इनको डर सता रहा है कि जिस प्रकार वहां के लोग भी इनसे दूरी बना रहे हैं ऐसे में आने वाले समय में इनके लिए राजनीति करना भी मुश्किल हो जाएगा.
वहीं आपको अगर याद हो तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि कश्मीर को कुछ राजनीति परिवारों ने कैद कर रखा है. वो जनता के कल्याण का सारा पैसा खा जा रहे हैं. इससे इन नेताओं की नींद उड़ी हुई है.
यही कारण है कि ये कश्मीर के नेता लोगों में समर्थन पाने के लिए अब भारत विरोधी बयानों का सहारा ले रहे हैं.