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मौत को मात देकर ये चीता फिर आ रहा है आंतकियों का सफाया करने !

कमांडेंट चेतन कुमार चीता

सीआरपीएफ के 92वीं बटालियन के कमांडेंट चेतन कुमार चीता जल्द ही एक बार फिर आतंकियों को उनके असल ठिकाने पहुंचाने के लिए मैदान में होंगे.

आपको बता दें कि कमांडेंट चेतन कुमार चीता जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से मुठभेड़ दौरान गंभीर रूप से घायल हो गए थे और दो महीने से कोमा में थे.

लंबी अवधि तक कोमा में रहने के बाद चीता होश में आ गए हैं और अब वो बात भी कर रहे हैं. चीता का इलाज करने वाले एम्स के डॉक्टरों ने बताया कि अब चीता पूरी तरह फीट हैं और अब उन्हें डिस्चार्ज किया जाएगा.

कमांडेंट चेतन कुमार चीता

आपको बता दें कि 14 फरवरी को बांदीपुरा में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में कमांडेंट चेतन कुमार चीता घायल हो गए थे. मुठभेड़ में उनका शरीर छलनी हो गया था. चीता को 9 गोलियां लगीं थी, जिसमें से एक गोली कमांडेंट चेतन कुमार चीता के सिर में लगी, जो सिर की हड्डी को चीरकर दाई आंख से बाहर निकल गई.

दूसरी गोली ब्रेन को छूकर निकल गयी, जिससे ब्रेन का एक हिस्सा डैमेज हो गया. इसके बावजूद चेतन ने आतंकवादियों से लड़ते हुए 16 राउंड फायर किए और आतंकी को ढेर कर दिया.

इसी जख्मी हालात में देश के इस जाबांज सपूत कमांडेंट चेतन कुमार चीता को प्राथमिक इलाज के लिए श्रीनगर स्थित सेना के 92 बेस हॉस्पिटल में लाया गया. जहां उनकी हालत ज्यादा खराब होने के कारण उन्हें एयरलिफ्ट करके दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया.

बताया जाता है कि जब कमांडेंट चेतन कुमार चीता को घायल अवस्था में एम्स अस्पताल लाया गया था तो उनके सिर पर गोलियों के घाव थे. शरीर का ऊपरी भाग बुरी तरह क्षतिग्रस्त था और दाईं आंख फूट गई थी. जिसके बाद उनके बचने की उम्मीद काफी कम थी.

लेकिन भारत मां के इस वीर जवान कमांडेंट चेतन कुमार चीता ने मौत को मात दी. वहीं दूसरी ओर भारत सरकार ने जहां उनके इलाज में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी तो एम्स के डॉक्टरों ने भी दिन रात एक कर उनको मौत के मुंह से खींच लिया.

आपको बता दें कि पूरे देश की नजरें कमांडेंट चेतन कुमार चीता पर टिकी हुई थी. अब जब वो ठीक होकर अस्पताल से बाहर आ रहे हैं तो लेागों को उम्मीद है कि वो पहले की तरह अपने काम को अंजाम देने के साथ अपने बाकी साथियों के लिए भी प्ररेणा का काम करेंगे.