अब कोटा में इंजीनियरिंग की तैयारी करने वाले छात्र हास्टलों या पीजी में सीलिंग फैन से लटककर आत्महत्या नहीं कर पांएगे. यदि उन्होंने ऐसा प्रयास किया तो न केवल पंखों में लगा स्प्रिंग नीचे आ जाएंगा साथ ही अलार्म भी बज उठेगा.
दरअसल, बीत कई महीनों से राजस्थान के कोटा शहर से छात्रों की आत्महत्या की खबरे सामने आ रही है. इसने न केवल अभिभावकों बल्कि हास्टलों के वार्डनों को भी चिंता में डाल रखा था.
जैसा की आप जानते हैं कि देश में कोटा की पहचान प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग सेंटर के रूप में है. कोटा में देश भर के छात्र कोचिंग के लिए आते हैं. लेकिन विगत दिनों में यहां छात्रों की आत्महत्या तेजी से बढ़े हैं.
परीक्षा में सफलता नहीं मिलने के कारण यहां कई छात्रों ने आत्महत्या की हैं. ज्यादातर छात्रों की आत्महत्या सीलिंग फैन में फांसी लगाकर होती हैं. इसी से बचने के लिए अब पंखों में साइरन सेंसर लगाने का फैसला किया गया है. इसके साथ ही इसमें एक स्प्रिंग डिवाइस भी लगेगा.
अगर 20 किलोग्राम से ज्यादा वजन इसमें लटकाने की कोशिश की जाएगी तो साइरन बजेगा. ऐसा पंखें होस्टल के सभी कमरों में लगाए जाएगे . देखा गया है कि कोटा में खुदकुशी के जितने में भी मामले में आए है उनमें से अधिकांश में पंखों के जरिए फांसी के हैं.
इसी को ध्यान में रखते हुए कोटा हॉस्टल एसोसिएशन ने स्प्रिंग उपकरण और साइरन लगाने का फैसला किया है.
कोटा हॉस्टल एसोसिएशन ने गुजरात के एक फर्म से इस उपकरण की सप्लाई के लिए कहा है. कई हास्टलों में यह काम शुरू कर दिया गया है. उम्मीद है बाकी जहगों पर भी यह काम तीन महीने में पूरा हो जाएगा. इसके अलावा प्रवेश और एक्जिट सड़कों पर सीसीटीवी कैमरा भी लगाया जाएगा.
यही नहीं, इसके साथ ही कोटा के सभी हॉस्टल में दैनिक उपस्थिति दर्ज कराने के लिए बायोमेट्रिक अटेंडेंस मशीन भी लगाई जाएगी. इसे अभिभावकों के मोबाइल फोन से भी जोड़ा जाएगा. ताकि हॉस्टल वार्डेन और अधिकारी अभिभावकों के मोबाइल पर एसएमएस के जरिए उनकी क्लास में उपस्थिति की सूचना भेज सके.
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की 2014 की रिपोर्ट के मुताबिक 45 छात्रों ने असफलता के कारण आत्महत्या की. जबकि पिछले साल 17 छात्रों ने खुदकुशी की थी.