अगर कोई आपसे पूछे की फेसबुक का फाउंडर कौन है तो आपका जवाब मार्क जुकरबर्ग होगा।
सिर्फ आप ही नहीं बल्कि अधिक्तर लोगो का जवाब मार्क जुकरबर्ग ही होगा। लेकिन माफ़ कीजियेगा आपकी ये जानकारी सही नहीं है। फेसबुक के लिए पागल भारतीयों को ये नहीं मालुम की फेसबुक का असली फाउंडर एक भारतीय ही है।
जी हाँ, आप जानकर हैरान रह जायेंगे की फेसबुक का असली फाउंडर मार्क जुकरबर्ग नहीं बल्कि अप्रवासी भारतीय दिव्य नरेन्द्र है।
दिव्य नरेन्द्र अप्रवासी भारतीय है और इनके माता-पिता काफी लम्बे समय से अमेरिका में रह रहे है। महज 29 साल के दिव्य नरेन्द्र ने हार्वर्ड में अपनी पढ़ाई के दौरान फेसबुक का निर्माण किया था, लेकिन जुकरबर्ग की वजह से उनको इसका क्रेडिट नहीं मिला।
दरअसल फेसबुक का जन्म हार्वर्ड सोशल कनेक्शन सोशल साईट के निर्माण के दौरान हुआ था। जिस पर दिव्य नरेन्द्र बहुत दिनों से काम कर रहे थे। इस प्रोजेक्ट में मार्क जुकरबर्ग सिर्फ मौखिक सहयोग के लिए थे। लेकिन जुकरबर्ग ने फेसबुक प्रोजेक्ट को चालाकी से हाईजैक कर लिया। इतना ही नहीं उसने डोमेन नेम को भी धोखे से अपने नाम रजिस्टर्ड कर लिया। जिसके बाद दिव्य नरेन्द्र और जुकरबर्ग के बीच तीखी बहस हुई।
इसके बाद यह मामला कोर्ट तक पहुँच गया. ये साल 2004 की बात है जब दिव्य नरेन्द्र ने जुकरबर्ग के खिलाफ केस कर दिया था।
इस केस के दौरान ये क्लियर हो गया कि फेसबुक के असली फाउंडर कोई और नहीं बल्कि दिव्य नरेंद्र ही है। और इस धोखाधड़ी के बदले जुकरबर्ग को हर्जाना देना पड़ा। जुकरबर्ग को हर्जाने के तौर पर 650 लाख डॉलर देने पड़े लेकिन दिव्य नरेन्द्र इस हर्जाने से खुश नहीं थे। उनका कहना था की उन्हें फेसबुक की उस समय की मौजूदा मार्केट वैल्यू के हिसाब से हर्जाना नहीं दिया गया।
इस पूरे मामले में फेसबुक के फाउंडर की सच्चाई सब के सामने आ गई।
लेकिन ये मामला साल 2004-05 का बताया जाता है। इसलिए ज्यादा लोगों को इसके बारे में नहीं पता है। लेकिन अब सच्चाई लोगों के सामने है, फेसबुक का असली फाउंडर कोई और नहीं बल्कि दिव्य नरेन्द्र ही है।