उत्तर प्रदेश में बुर्का नशीन महिलाओं को आगे करके खतरनाक सियासी खेल खेलने की साजिश हो रही है.
ऐसा लगता है कि इन सबके निशाने पर हैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ – योगी को बदनाम करने की साजिश हो रही है.
क्योंकि उत्तर प्रदेश के पश्चिमी इलाके में एक के बाद एक कई ऐसी घटनाएं घटी है जिसके बाद शक पैदा हो रहा है कि कहीं ये सब मुख्यमंत्री योगी को बदनाम करने की साजिश हो रही है.
आपको बता दें कि सूबे के बुलंदशहर, रामपुर, संभल और हापुड़ के गांवों-कस्बों में सांप्रदायिक तनाव का माहौल है.
संभल की यदि बात की जाए तो वहां के नखासा थाना क्षेत्र के दीपासराय मुहल्ले में पुलिस को गोकशी की सूचना मिली थी. सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने जब घर की तलाशी लेने का प्रयास किया तो लोगों ने पुलिस पर छतों से पर पथराव और फायरिंग कर दी.
इस सब के बीच सबसे हैरान करने वाली बात यह थी कि जिस वक्त पुलिस दंगाईयों को काबू करने के लिए आगे बढ़ रही थी तो उसी दौरान महिलाओं का एक जत्था निकल कर पुलिस के सामने आ खड़ा हुआ.
चूंकि महिला पुलिस नहीं के बराबर थी लिहाजा पुलिस ने महिलाओं को समझाने का प्रयास किया. लेकिन वे नहीं मानी. इसी बीच पर महिलाओं के पीछे खड़ी पुरूषों की भीड़ ने पुलिस पर धावा बोल दिया.
इसमें एसडीएम के अर्दली समेत पांच पुलिस कर्मी गंभीर घायल हो गए.
जानकारों की माने तो ये सब एक सोची समझी रणनीति के तहत किया जान पड़ता है, क्योंकि जिस प्रकार महिलाओं को ढ़ाल बनाकर पुलिस पर पथराव और फायरिंग की गई उससे महिलाओं को नुकसान पहुंचने की पूरी संभावना थी.
हो सकता था कि गोली महिलाओं में से किसी को लग जाती. यदि ऐसा होता तो विपक्ष को योगी सरकार पर हमला बोलने का पूरा अधिकार मिल जाता.
इसी प्रकार रामपुर के मिलक में दरगाह निर्माण को लेकर दोनों समुदाय के लोग आमने सामने आ गए हैं. वहा भी संभल की तरह महिलाएं पुलिस को रोकने के लिए उसके सामने अड़कर खड़ी हो गई और देखते ही देखते महिलाएं पुलिस से भिड़ गईं. ऐसे में महिलाओं के पुलिस से मोर्चा लेने पर हालात संवेदनशील हो गए है.
इसी प्रकार बुलंदशहर में गोवंश के वध को लेकर ग्रामीण और हिंदू संगठन टकारा गए हैं.
बुलंदशहर के गांव लखनवाड़ा में अराजक तत्वों ने नौ संरक्षित पशुओं यानी गौवंश की हत्या को लेकर जमकर बवाल हुआ और पुलिस पर पथराव किया.
गौरतलब है कि एक रात पहले ही गांव लखनवाड़ा के रहने वाले राजवीर और घनश्याम के चार गोवंशों की चोरी हुई थी, जिनके कटे सिर जंगलों में पड़े थे. सिर को देखकर राजवीर और घनश्याम ने अपने चोरी गए पशुओं को पहचान लिया.
यूपी योगी आदित्यनाथ के सीएम बनने के साथ जिस प्रकार जानबूझ कर कानून की अवहेलना करके हिंदुओं की आस्था से खिलवाड़ किया जा रहा है और पुलिस के सामने बुर्कें में महिलाओं को आगे कर किसी बड़ी दुर्घटना को न्योता देने की तैयारी हो रही है उसको देखते हुए लगता है कि जरूर इसके पीछे मुख्यमंत्री योगी को बदनाम करने की साजिश है.