एकाएक जिस प्रकार अवैध बूचड़खानों के खिलाफ भाजपा मुखर होती जा रही है उसको देखते हुए लगता है कि इसके पीछे जरूर कोई ऐसी वजह है जो भाजपा को ऐसा करने के लिए मजबूर कर रही है.
क्योंकि उत्तर प्रदेश सरकार ही नहीं बल्कि भाजपा शासित अन्य राज्यों की सरकारों ने भी अवैध बूचड़खानों पर नकेल कसना शुरू कर दिया है.
इससे पता चलता है कि अवैध बूचड़खानों को बंद कराने की कार्रवाई के पीछे अकेले राज्य सरकारें ही नहीं है बल्कि इसको पीछे से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन भी है.
नहीं तो यूपी के बाद एक साथ भाजपा की विभिन्न राज्यों सरकारों ने जिस प्रकार अवैध बूचड़खानों पर कार्रवाई शुरू की है वह नहीं हो पाती.
बहराल, जिस प्रकार पूरे देश में भाजपा अवैध बूचड़खानों के खिलाफ महौल बना रही है उसको देखते हुए लगता है कि ये सब एक सुनियोजित रणनीति के तहत किया जा रहा है. क्योंकि अगर आप को याद हो तो विपक्ष ने पिछले दिनों गो रक्षकों की कार्रवाई को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर खूब हमले किए थे.
माडिया में गोरक्षकों से जुड़ी हर छोटी से छोटी घटना को प्रधानमंत्री मोदी से जोड़कर उनके खिलाफ खूब नकारात्मक प्रचार किया था. ये सब उत्तर प्रदेश के विधान सभा को टारगेट करके किया था. ताकि इसके नाम पर मुस्लिमों में दहशत पैदा करके उनको भाजपा के खिलाफ एकजुट किया जा सके.
क्योंकि इसके पहले दादरी में अखलाक की मौत के बाद बिहार चुनाव में विपक्ष ने इस मुद्दे को जमकर उछााला था. उस चुनाव में भाजपा हार गई थी. इसके बाद से विरोधियों के हौसले बुलंद हो गए थे और वो जगह जगह देश में गौ रक्षकों से जुड़े मुद्दे उठा रहे थे.
गुजरात की एक घटना को कथित गौ रक्षकों से जोड़कर उसको दलित बनाम हिंदू का मामला बना दिया था.
इससे प्रधानमंत्री मोदी भी बैकफुट पर आ गए थे और उन्होंने गौ रक्षकों को ही गुंडा बताकर उन पर ही सवाल खड़ा कर दिया था.
इसके बाद हिंदू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बहुत आलोचना की. बताया जाता है कि मोदी इसके बाद से विपक्षियों से खफा थे. क्योंकि वो उन्हें उन मुद्दों पर बार बार घेर रहे थे जिनसे प्रधानमंत्री की छवि उनके समर्थकों के बीच खराब हो.
यही कारण है जब उत्तर प्रदेश के चुनाव आए तो वहां उन्होंने अवैध कत्लखाने बंद करने की बात अपने चुनावी घोषणा पत्र में कहीं. क्योंकि वे जानते थे कि उत्तर प्रदेश वह स्थान जहां विपक्षी इस मुद्दे को लेकर औंधे मुंह गिरेंगे.
हुआ भी ठीक वैसा ही. जीत के बाद जैसे ही योगी सरकार ने अवैध कत्लखानों पर कार्रवाई की तो जनता में उसको व्यापक समर्थन मिला. इसको देखकर भाजपा के आला नेताओं ने तय किया कि अब इस मुद्दे को लेकर ही आगे बड़ा जाए.
ठीक उसी रणनीति के भाजपा अब इस मुद्दे को लेकर आगे बढ़ रही है.