ज्वाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार और तमाम वामपंथी छात्र विश्वविद्यालय के गुमशुदा छात्र नजीब का पता लगाने के लिए सड़कों पर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते घूम रहे हैं, उसको लेकर एक बेहद हैरान कर देने वाली खबर है.
बताया जाता है कि लापता होने से पहले कन्हैया ऐसी बातों में रूचि ले रहा था जिसको सुनकर आजादी के नारे लगाने वालों का समर्थन करने वाले जेएनयू और उनके समर्थकों के भी होश उड़ जाएंगे.
खबर है कि जेएनयू से लापता छात्र नजीब अहमद इंटरनेट पर खूंखार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के बारे में पढ़ता था. इंटरनेट पर वह क्या जानकारी जुटाता था इसका पता नहीं चल सका है.
दरअसल, गूगल और यूट्यूब द्वारा दिल्ली पुलिस को मुहैया कराई गई रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ था कि लापता होने से पहले छात्र नजीब अहमद आईएस की विचारधारा, नेटवर्क, कार्यप्रणाली, जुड़ने के तरीके की जानकारी जुटा रहा था.
हालांकि दिल्ली पुलिस का दावा है कि केस की जांच में छात्र नजीब अहमद के आईएसआईएस के साथ किसी भी प्रकार के जुड़ाव की जानकारी सामने नहीं आई है.
लेकिन वहीं दिल्ली पुलिस यह भी कहना है कि नजीब 14 अक्टूबर यानी एबीवीपी के सदस्यों से झड़प से ठीक एक रात पहले आईएस लीडर के भाषण का विडियो देख रहा था.
सवाल है कि आखिर छात्र नजीब अहमद आईएस लीडर के भाषण का विडियो क्यों देख रहा था. आईएस में इतनी दिलचस्पी लेने के पीछे क्या वजह हो सकती है. वह यह सब शौकिया तौर पर कर रहा था या फिर इसके पीछे उसकी कोई ओर मंशा थी. क्योंकि एबीवीपी से झगड़े के बाद से वह गायब है. अगले ही दिन से वह गायब है. इसलिए एक ओर जहां वामपंथी छात्र आशंका की आड़ में जहां उसकी हत्या का आरोप लगा रहे थे.
दिसंबर में दिल्ली पुलिस के 600 से अधिक जवानों ने खोजी कुत्तों की सहायता से जेएनयू कैंपस में छापेमारी की लेकिन नजीब का कोई सुराग हाथ नहीं लगा. बाद में पुलिस को सीसीटीवी की मदद ली. उससे जानकारी मिली कि वह ऑटोरिक्शा में बैठकर कहीं जा रहा है.
आपको बता दें कि एक ओर जहां पुलिस छात्र नजीब अहमद के आईएस से जुड़ने की खबर की पुष्टि नहीं कर रही है. वहीं दूसरी ओर वह केस का पड़ताल के लिए इंटेलिजेंस के साथ मिलकर नजीब के रैडिकल गुट से जुड़ने की जांच भी कर रही है.
आपको बता दें कि यूपी से सटे नेपाल के कई इलाकों में नजीब की फोटो के साथ पोस्टर्स लगे हुए हैं. आशंका है कि कहीं वह बाकी लोगों की तरह कहीं नेपाल से संचालित आईएस के प्रलोभन में तो नहीं आ गया है.
लेकिन इस खबर के बाद पुलिस ही नहीं जेएनयू प्रशासन के भी कान खड़े हो गए है. क्योंकि अगर नजीब गलती से भी आईएस के संपर्क में आ गया होगा तो पुलिस के लिए ये चिंता की बात है ही साथ ही जेएनयू की साख पर भी बंटा लग जाएगा.