दोस्तों अनुपम खेर एक ऐसे अभिनेता हैं जो हर किरदार में फिट बैठते हैं, चाहे कॉमेडी हो या फिर नेगेटिव किरदार ही क्यों ना हो.
हर किरदार को बखूबी निभाते हैं वो. लगभग 500 फिल्मों में काम कर चुके अनुपम खेर को अपनी दमदार एक्टिंग के बलबूते कॉमेडी रोल के लिए 5 बार फिल्म फेयर अवार्ड मिल चुका है.
साल 2004 में पद्मश्री और साल 2006 में पद्मभूषण से भी नवाजे जा चुके हैं अनुपम खेर.
लेकिन दोस्तों इस बेहतरीन अभिनेता ने आखिर क्यों अनुपम खेर ने माँ के मंदिर से चुराए थे पैसे –
क्यों अनुपम खेर ने माँ के मंदिर से चुराए थे पैसे !
दरअसल अनुपम के पिता एक क्लर्क का काम करते थे. उनकी मां हाउसवाइफ थीं. अनुपम खेर डी. ए. वी. स्कूल से अपनी पढ़ाई कर रहे थे. उन दिनों अनुपम खेर के पिता की सैलरी सिर्फ 90 रुपए हुआ करती थी और यही समय था कि अनुपम खेर को एक्टिंग करने की धुन सवार हो गई.
कहते हैं अपनी प्रारंभिक शिक्षा खत्म करने के बाद उन्हें एक्टिंग सीखनी थी, जिसके लिए 100 रुपए की जरूरत थी.
अपनी उसी इच्छा को पूरी करने की खातिर अनुपम खेर ने मजबूरन अपनी मां के मंदिर से पैसे चुरा लिए. मन-ही-मन भगवान से माफी मांगते हुए ये सोचा कि भगवान कृष्ण माखन चुराते थे और आज मैं उनके मंदिर से पैसे चुरा रहा हूं ताकि एक्टिंग में अपना करिअर बना सकूं.
इस तरह अनुपम खेर ने ‘राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय’ से स्नातक की डिग्री प्राप्त की और अभिनय में अपना करिअर बनाने के सपने संजोए अनुपम आ गए सपनों की नगरी मुंबई.
अपने स्ट्रगल के दिनों में अनुपम खेर रेलवे ट्रैक पर भी सोया करते थे.
लेकिन जल्द हीं उन्होंने अपनी काबिलियत के दम पर फिल्मों में काम हासिल कर लिया. 1982 में उन्होंने फिल्म ‘आगमन’ से फिल्मी करियर की शुरुआत की. लेकिन बतौर लीड एक्टर उन्होंने महेश भट्ट की फिल्म ‘सारांश’ से अपनी पहचान मिली.
फिल्मों में काम करने से पहले अनुपम खेर ने कई रंगमंच पर भी काम किया, जहां उनके अभिनय की खूब चर्चा होती थी.
अनुपम खेर ने बॉलीवुड फिल्मों के साथ ब्रिटिश, अमेरिकन और चाइनीज़ फिल्मों में भी काम किया है.
फिल्मों में कदम रखने के बाद अनुपम खेर ने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और दिन-ब-दिन कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ते चले गए.
इस तरह से अनुपम खेर ने माँ के मदिर से चुराए थे पैसे