बाघ का शिकार को रोकने के लिए कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के अधिकारियों ने शिकारियों को देखते ही गोली मारने का आदेश जारी कर दिया है.
इसलिए अगर आप कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में घूमने जाए तो ध्यान रखिए कि आप के हाथ में कोई ऐसा अस्त्र न हो जिससे वन अधिकारियों को लगे कि उससे बाघ का शिकार किया जा सकता है. इसके लिए सैलानियों को सूचित भी किया जा रहा है.
लेकिन देखा गया है कि कुछ लोग इस क्षेत्र में अपनी सुरक्षा की दृष्टि से साथ में चोरी छिपे ऐसे हथियार ले जाते हैं, जिससे किसी संभावित जंगली जानवर के हमले से अपनी रक्षा की जा सके. इनमें गैरप्रतिबंधित बोर वाले रिवाल्वर और पिस्टल होते हैं जो घातक तो नहीं होते लेकिन आवाज कर जानवरों को डरा देते हैं.
ये दूर से देखने में बिल्कुल असली नजर आते हैं. इसलिए हो सकता है कि वन अधिकारी इन्हें आपके हाथ में देखकर आपको रूकने के लिए कहे और आप इसको इग्नोर करके आगे बढ़ने की कोशिश करे. लेकिन ये बेहद खतरनाक हो सकता है. क्योंकि वन के सुरक्षा अधिकारी आपको शिकारी समझकर आप पर गोली भी चला सकते हैं. यही वजह है कि अधिकारियों ने आस-पास के गांव वालों को भी रिजर्व के इलाके में आने से मना किया है.
इसके साथ-साथ टाइगर रिजर्व में आने वाले सैलानियों की भी सघन तलाशी ली जा रही है. ताकि वे किसी प्रकार का हथियार अपने साथ न ले जा सके जिससे बाघ का शिकार किया जा सके.
दरअसल, टाइगर रिजर्व में बाघ का शिकार रोकने के लिए शिकारियों को देखते हुए ही गोली मारने के आदेश दिए गए हैं.
यह आदेश उस सूचना के बाद आया है जिसमें कथित तौर पर बताया गया था कि कार्बेट रिजर्व की दक्षिणी सीमा पर शिकारी सैलानियों के रूप में दाखिल होकर शिकार कर रहे हैं. आदेश जंगली जानवरों विशेषकर बाघों को बचाने के लिए उठाया गया है.
गोली मारने के आदेश देने के अलावा अधिकारियों द्वारा शिकार रोकने के लिए और भी कदम उठाए जा रहे हैं.
टाइगर रिजर्व में सुरक्षा के लिए दो ड्रोन और 150 लोगों का स्टाफ लगाया गया है. इस टाइगर रिजर्व में 164 टाइगर हैं और 388 से ज्यादा कैमरे शिकारियों और जंगलों की निगरानी करते रहते हैं. इसके अलावा नाइट विजन गॉगल्स के साथ शार्प शूटर्स को भी ड्यूटी पर लगाया गया है.
हालांकि रिजर्व में सैलानियों के लिए खुला रहेगा लेकिन प्रवेश से पहले उनकी सघन तलाशी ली जाएगी.