आप ने अक्सर यही सुना और पढ़ा होगा कि चीन भारत का दुश्मन है और वह भारत से नफरत करता है.
लेकिन यह पूरा सच नहीं है.
आपको जानकर हैरानी होगी कि चीन की सरकार भले ही भारत से नफरत करे लेकिन चीन के लोग भारत से उतनी नफरत नहीं करते हैं जितना की हम सोचते हैं. बल्कि चीन के लोगों से यदि पूछा जाए कि आपको दुनिया में कौन सा देश पसंद है जहां आपको अगर घूमने का मौका मिले तो आप वहां जाना पंसद करेंगे. तो चीन के लोग निश्चत रूप से भारत का ही नाम ही लेंगे.
इतना ही चीनी लोगों की ख्वाइश है कि उनका यदि अगला जन्म हो तो वह भारत में हो.
आप सोच रहे होंगे कि आखिर क्या वजह है कि जो देश भारत को चारों ओर से घेरने के मंसूबे बांध रहा है और समय समय पर हमारे देश के खिलाफ रणनीति बनाकर हमारे पड़ोयिों को हमारे ही खिलाफ भड़का रहता है, उसके लोग भला भारत में क्यों जन्म लेना चाहते हैं.
दरअसल, चीन में बौद्ध धर्म के अनुयायी काफी तादाद में हैं. चीनी लोगों में भगवान बुद्ध के प्रति काफी श्रद्धा है. वे उनके प्रतीकों से लेकर उनकी कर्म भूमि को काफी मानते हैं. जबकि दूसरी भारत वह स्थान है जहां बौद्ध धर्म का उदय हुआ और यही से यह धर्म चीन जापान कोरिया, बर्मा और श्रीलंका आदि देशों में फैला.
महात्मा बुद्ध की कर्म स्थली और यहां पर बौद्ध धर्म के जन्म लेने के कारण चीनी लोगों की मान्यता है भारत की भूमि काफी पवित्र है. लिहाजा चीनी लोगों की ख्वाइश है कि यदि उनको अगला जन्म मिले तो वो उनको महात्मा बुद्ध की धरती पर मिले. जिससे वे उसी मिट्टी में खेल सके जहां से महात्मा बुद्ध ने धम्म का संदेश समूचे विश्व में फैलाया.
इसलिए चीन की सरकार भले ही भारत से कितनी भी नफरत क्यों न करे लेकिन वहां के लोग भारत को उस निगाह से नहीं देखते हैं. चीनी लोगों की ख्वाइश है कि उनका अगला जन्म भारत में हो.
चीनी लोगों में भारत के प्रति जो दुर्भावना आती है इसको लेकर जानकारों का कहना है कि इसके पीछे वहां का कम्यूनिस्ट शासन है जो नहीं चाहता कि चीन के लोग भारत से प्यार करें. क्योंकि यदि चीन के नागरिक भारत से प्यार करने लगेंगे तो उनका महत्व समाप्त हो जाएगा.