भारत को युवाओं का देश कहा जाता है लेकिन युवाओं के इस देश में बरोजगारी की समस्या किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है.
यहां अधिकांश शिक्षित युवा नौकरी के लिए दर-दर भटकते हैं लेकिन उन्हें रोजगार नहीं मिल पाता है और ना ही उन्हें सरकार की तरफ से कोई बेरोजगारी भत्ता मिलता है.
ऐसा नहीं है कि बेरोजगारी की समस्या सिर्फ भारत में ही है लेकिन इस समस्या से जुझनेवाले कई देशों में बेरोजगार युवाओं को सरकार की ओर से बेरोजगारी भत्ता दिया जाता है.
लेकिन हम बताने जा रहे हैं उन देशों के बारे में, जहां सैलरी से ज्यादा बेरोजगारी भत्ता मिलता है – युवाओं को दिया जानेवाला बेरोजगारी भत्ता महीनेभर की सैलरी से भी कही ज्यादा है.
सैलरी से ज्यादा बेरोजगारी भत्ता –
1 – जर्मनी
भारत में नौकरी करनेवाले अधिकांश लोगों को महीने भर की तनख्वाह भी 29 हजार नहीं मिलती होगी. लेकिन जर्मनी में अकेले रहनेवाले बेरोजगारों को हर महीने 29 हजार रुपये बतौर बेरोजगारी भत्ता दिया जाता है. जबकि शादीशुदा बेरोजगारों को 26 हजार रुपये दिया जाता है.
2 – फ्रांस
भारत में अधिकांश लोगों की सालाना आय पांच लाख तक भी नहीं पहुंच पाती है लेकिन फ्रांस के बेरोजगारों को यहां की सरकार करीब 5.21 लाख रुपये सालाना बेरोजगारी भत्ता देती है.
3 – इटली
इटली में बेरोजगारों को इतना भत्ता मिलता है जिसके बारे में आप सोच भी नहीं सकते हैं. जी हां, यहां बेरोजगारों को लगभग 88 हजार रुपये महीना भत्ता दिया जाता है. लेकिन अगर किसी ने पिछली कंपनी से इस्तीफा दे दिया है तो ऐसे लोगों को कुछ नहीं मिलता.
4 – नीदरलैंड
नीदरलैंड में दिया जानेवाला बेरोजगारी भत्ता पिछली नौकरी के हिसाब से दिया जाता है. यहां रहनेवाले युवाओ ने अगर देश की आय में 2 लाख रुपये का योगदान दिया है तो उन्हें 70 हजार रुपये हर महीने बतौर भत्ता दिया जाता है.
5 – फिनलैंड
फिनलैंड में हर किसी को 10 हजार रुपये से अधिक मासिक भत्ता दिया जाता है. अगर किसी ने मास्टर डिग्री ले रखी है तो उसे 40 हजार तक मासिक भत्ता दिया जाता है.
6 – न्यूज़ीलैंड
न्यूज़ीलैंड की सरकार की ओर से 20 से 24 साल के लोगों को 11 हजार और 25 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को 14 हजार रुपये दिए जाते हैं. सिंगल पैरेंट्स को 22 हजार और शादीशुदा लोगों को 23 हजार रुपये बतौर भत्ता दिया जाता है.
इन देशों में सैलरी से ज्यादा बेरोजगारी भत्ता मिलता है – गौरतलब है कि हमारे देश में महीने भर मेहनत करने के बाद भी अधिकांश लोग उतनी सैलरी नहीं कमा पाते हैं जितना इन देशों में रहनेवाले बेरोजगार बिना किसी काम के बेरोजगारी भत्ते के रुप में पा लेते हैं.