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भारत सरकार हर साल फरवरी में कैद कर देती है इन अधिकारियों को !

देश का बजट

आपको जानकार हैरानी होगी कि भारत सरकार हर साल फरवरी में वित मंत्रालय के कुछ महत्वपूर्ण अधिकारियों को नजरबंद कर देती है।

इस दौरान न तो इन अधिकारियों से कोई मिल सकता है और न ये ही किसी से मिल सकते हैं। यहां तक कि ये इनके परिवार का कोई सदस्य भी इनसे नहीं मिल सकता है।

वित मंत्रालय के अधिकारियों की यह नजरबंदी उस दौरान होती है जब देश का बजट बन रहा होता है।

फरवरी महीने के आखिर में आम बजट संसद में पेश किया जाता है। देश का बजट कैसे बनता है? देश का बजट कौन बनाता है? देश का बजट किस प्रिंटिंग प्रेस में इसकी छपाई होती है? इस प्रक्रिया में कौन शामिल होता है ? यह अहम सूचनाएं लीक न हों, इसके लिए बजट प्रक्रिया से जुड़े वित मंत्रालय के तमाम महत्वपूर्ण अधिकारी नजरबंद कर दिए जाते हैं।

वित्त मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी, विशेषज्ञ, प्रिंटिंग टेक्निशियन और स्टेनोग्राफर्स नॉर्थ ब्लॉक में एक तरह से कैद में रहते हैं और आखिरी के सात दिनों में तो बाहरी दुनिया से एकदम कट जाते हैं।

वे परिवार से फोन पर भी बात नहीं कर सकते हैं। किसी आपातकालीन स्थिति में, इन अधिकारियों के परिवार उन्हें दिए गए नंबर पर संदेश छोड़ सकते हैं, लेकिन उनसे सीधे बात नहीं कर सकते।

देश का बजट तैयार करने के दौरान कितनी गोपनीयता और निगरानी की जाती है इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि संयुक्त सचिव की अध्यक्षता में इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारी बजट बनाने वाली टीम की गतिविधियों और फोन कॉल्स पर नजर रखते हैं।

सबसे अधिक नजर स्टेनोग्राफरों पर रखी जाती है।

साइबर चोरी की आशंका से बचने के लिए इन स्टेनो के कम्प्यूटर नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी) सर्वर से अलग रहते हैं। पावरफुल मोबाइल जैमर नार्थ ब्लॉक में कॉल्स को ब्लॉक करने और जानकारियों के लीक होने से बचने के लिए इंस्टॉल किया जाता है।

इतना ही नहीं बजट तैयारी से जुड़े अन्य अधिकारी जो कि कम महत्वपूर्ण जिम्मेंदारी से जुड़े होते हैं उसका भी खुखिया विभाग की टीमें पीछा करती है। उनके घर 24 घंटे निगरानी रखी जाती है।

जहां स्टेनोग्राफर और अन्य अधिकारी काम करते हैं और रहते हैं, वहां वित्त मंत्री के साथ ही इंटेलिजेस ब्यूरो चीफ अचानक दौरा कर सकते हैं। यही क्रम नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट के प्रिंटिंग प्रेस क्षेत्र में भी जारी रहता है।

शुरुआत में बजट पेपर्स राष्ट्रपति भवन पर प्रिंट होते थे, लेकिन 1950 में बजट लीक हो गया था और प्रिंटिंग वेन्यू मिंटो रोड पर एक प्रेस में स्थानांतरित किया गया। 1980 से बजट नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में प्रिंट हो रहा है।

आपको बता दे कि देश का बजट बनाने के प्रक्रिया हलवा समारोह से शुरू होती है।

दरअसल ये बजट से जुड़ी वित्त मंत्रालय की सालों पुरानी परंपरा है, जिसमें हलवा समारोह से बजट के दस्तावेजों की छपाई की प्रक्रिया शुरू होती है। वित्त मंत्री के बजट पर पूरे देश की नजर होती है।

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राजनीति