उत्तर प्रदेश के चुनाव हमेशा से ही दिलचस्प होते रहे हैं.
यूपी चुनावों में अक्सर मीडिया के पोल खराब होते हुए नजर आते हैं.
इस बार अधिकतर मीडिया ग्रुप बीजेपी की जीत को काफी हद तक कन्फर्म बताते हुए नजर आ रहे थे लेकिन जिस तरह से समाजवादी पार्टी में कलह का फायदा बाबू अखिलेश यादव को मिला है वह देखकर तो पापा मुलायम सिंह भी हैरान हो गये हैं.
वहीं दूसरी तरफ यूपी से जिस तरह से महागठबंधन की खबरें आ रही हैं उसको लेकर भी बीजेपी और बीएसपी की नींद उड़ी हुई है. असल में कांग्रेस को इस बात का पता चल चुका है कि अगर वह अकेले उत्तर प्रदेश चुनाव लड़ती है तो इसका फायदा बीजेपी को होगा और वैसे भी राहुल के नाम पर यूपी में कुछ 10 सीट भी मुश्किल से मिल पायेंगी.
इसी कारण कांग्रेस शीला दीक्षित से यूपी में पैकअप करने के लिए बोलने वाली है.
तो ऐसे में जब कांग्रेस और सपा का गठबंधन हो जाता है तो एक तरफ अखिलेश और उनकी पत्नी डिंपल यादव मोदी के खिलाफ प्रचार करेंगी और वहीं दूसरी राहुल गांधी और प्रियंका गाँधी मोदी के खिलाफ आग उगलते नजर आयेंगे.
पिछले विधानसभा नतीजों पर एक नजर
पिछले विधानसभा चुनावों में अखिलेश यादव ने जमकर चुनाव प्रचार किया था और घर-घर जाकर अपने विचारों को लोगों तक पहुचाया था. इसका परिणाम यह हुआ था कि समाजवादी पार्टी ने कुल 224 सीटों पर जीत हासिल की और वह पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने में कामयाब हुई थी. इस चुनाव में अधिकतर मीडिया सर्वे फैल हो गये थे. किसी को भी यह उम्मीद नहीं थी कि कोई भी पार्टी पूर्ण बहुमत बना लेगी. पिछली बार बसपा ने 79, भाजपा ने 47, कांग्रेस 28 सीटों पर सिमट गयी थी.
राहुल गांधी को यूपी में लगने लगा है कि अगर वह प्रदेश में अकेले चुनाव लड़ेंगे तो उससे कांग्रेस को बदनामी और बेज्जती के अलावा कुछ भी हासिल नहीं होगा. इसलिए बिहार की तर्ज पर महागठबंधन बनाकर मोदी के खिलाफ प्रचार करके मोदी को हराने की तैयारी की जा रही है.
मुस्लिम वोट है जो तय करेंगे किसी पार्टी की जीत
मुलायम सिंह यादव जब जब उनकी पार्टी का चुनाव चिन्ह साईकिल भी नहीं रहा तो वह अचानक से यह बयान देते हैं कि प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुसलमानों के लिए कुछ भी नहीं किया है. इसका अर्थ सीधा सा था कि मुलायम सिंह यादव ने मुसलमानों को अखिलेश यादव से दूर करने के लिए यह बयान दिया था. वैसे इस बार चुनावों में यह देखना दिलचस्प होगा कि मुस्लिम वोट किस पार्टी के पास आते हैं. बीएसपी और सपा दोनों ही इसी वोट बैंक के ऊपर नजर बनाये हुए है.
लेकिन कुलमिलाकर अब इन चुनावों में देखने वाली बात यही होगी कि पति-पत्नी, अखिलेश यादव और डिंपल व भाई-बहन, राहुल गांधी और प्रियंका, मोदी के खिलाफ किस तरह से चुनाव प्रचार करते हुए नजर आयेंगे.