भारत के लिए समुंद्र में दिनोंदिन चुनौती बढ़ती ही जा रही है.
क्योंकि पानी के भीतर छिपा है दुश्मन – भारत का दुश्मन नंबर एक यानी चीन हमारी समुंद्री सीमा के बहुत नजदीक छिपकर बैठा है.
चीन अपनी सीमा से हजारों मील दूर आकर इन दिनों पाकिस्तान में पानी के भीतर छिपा है दुश्मन. वह पानी के अंदर बैठकर भारत की परमाणु पनडिुब्बयों की टोह लेने की फिराक है.
आपको बता दें कि चीन भारत पर दवाब बनाने के लिए तरह तरह के हथकंडे अपनाता है. पहले चीन भारत पर दवाब बनाने के लिए हमारे देश की सीमा पर घुसपैंठ करता था. लेकिन वहां भारतीय सेना द्वारा कड़ा जवाब देने के बाद वह अपनी सीमा पर तो चुप बैठ गया है लेकिन वह पाकिस्तान के जरिए भारत पर दवाब बनाना चाहता है.
सेना को खबर मिली है कि हिंद महासागर में तय सीमा से अधिक दिनों तक तैनात रहा चीन का युद्धपोत मलेशिया के कोटा किनाबालु में नजर आया है. गौरतलब है इससे पहले चीन की परमाणु शक्ति-चालित लड़ाकू पनडुब्बी का कराची के बंदरगाह पर मौजूदगी का पता चला था.
इससे साबित होता है कि चीन संभवतः अब भारतीय युद्धक पोतों की गतिविधियों पर पहले की तुलना में ज्यादा बारीकी से और करीबी नजर रख रहा है. चीनी युद्धपोत करीब एक हफ्ते से कोटा किनाबालु में तैनात रहने के बाद 8 जनवरी को वहां से गया है.
दरअसल, जब से संयुक्त राष्ट्र संघ में दक्षिण चीन सागर को लेकर चीन के खिलाफ फैसला आया है तब से चीन बौखलाया हुआ है. वहीं उसकी बौखलाहट की एक ओर बड़ी वजह है कि उसके पाकिस्तान में बनने वाले ग्वादर पोर्ट के जवाब में भारत का ईरान में बनने वाला चाहबहार पोर्ट.
साथ ही भारत ने जिस प्रकार पाकिस्तान में बलूचिस्तान के लोगों को समर्थन दिया है उससे भी चीन की नींद उड़ी हुई हैं. क्योंकि बलूचिस्तान के लोग चीन के इस ग्वादर पोर्ट का विरोध कर रहे हैं.
लेकिन चीन चाहकर भी भारत का कुछ नहीं बिगाड़ पा रहा है.
भारत ने जिस प्रकार चीन सीमा पर टैंक, सुखोई लड़ाकू विमान और बह्मोस मिसाइल को तैनात किया हैं उससे भारत के आक्रामक तेवर देखकर चीन खबरा गया है. वह अब भारत पर दवाब बनाने के लिए पाकिस्तान के साथ मिलकर इस प्रकार की हरकते कर रहा है.