कहते हैं कि इस मुख्यमंत्री सरकारी आवास में जो भी मुख्यमंत्री आता है उसके साथ ऐसा हादसा होता है कि अब कोई भी नया मुख्यमंत्री वहां आने की हिम्मत नहीं कर पा रहा है.
अफवाह है कि इस अरूणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर के नीति विहार इलाके में स्थित मुख्यमंत्री सरकारी आवास में भूतों ने डेरा डाल रखा है.
इसी डर से अब कोई मुख्यमंत्री या अधिकारी इस आवास में रहना नहीं चाहता है.
गौरतलब है कि इस सरकारी बंगले में गत वर्ष 9 अगस्त को राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कलिखो पुल ने आत्महत्या कर ली थी. इस घटना के ठीक दो महीने बाद बंगले का एक कर्मचारी भी वहां पर बगल के एक कमरे में छत से लटका हुआ पाया गया था.
एक के बाद एक हुई आत्महत्याओं के बाद लोगों ने मुख्यमंत्री सरकारी आवास को अभिशप्त कहना शुरू कर दिया. गौरतलब है कि वहां पर रहने वाले दो मुख्यमंत्रियों दोरजी खांडू और जरबोम गामलिन भी असामयिक मौत के शिकार हो चुके हैं. लेकिन हाल में जब एक के बाद एक दो आत्महत्याएं हुई तो उसके बाद कोई मंत्री या मुख्यमंत्री इसमें रहने के लिए तैयार नहीं है.
लेकिन सरकार के सामने समस्या थी कि वह इतने बड़े मुख्यमंत्री सरकारी आवास का क्या करे. खाली तो छोड़ नहीं सकती थी. लिहाजा, उसने मुख्यमंत्री के आधिकारिक बंगले को जल्द की राज्य अतिथि गृह में बदलने का निर्णय कर लिया.
उपमुख्यमंत्री चोवना मेन का कहना है कि इस संबंध में फैसला किया जा चुका है. जल्द ही जरूरी मरम्मत का काम भी कराया जाएगा ताकि अतिथि गृह तीन चार महीने में शुरू हो जाए.
उपमुख्यमंत्री मेन ने कहा कि लोग इसे भूतहा भवन के तौर पर मानते हैं. सरकार शंकाओं और संदेहों को दूर करने के लिए कुछ अनुष्ठान भी करेगी.
गौरतलब है कि नबाम तुकी के कार्यकाल के दौरान बंगले का निरीक्षण करने वाले गुवाहाटी स्थित एक वास्तु विशेषज्ञ ने इसकी संरचना में दोष पाया था और जलस्रोत को मौजूदा दक्षिण-पश्चिम स्थान से हटाकर उत्तरपूर्व करने सहित कुछ बदलावों का सुझाव दिया.