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गुमनाम और बदहाल जिन्दगी जी रही है ‘आशिकी’ गर्ल अनु अग्रवाल!

अनु अग्रवाल

बॉलीवुड का नाम आते ही ज़ेहन में आता है पैसा, ग्लैमर, लेट नाईट पार्टीज और भी बहुत कुछ।

लेकिन क्या आप जानते है मनमोहक और चकाचौंध भरी इस फिल्म इंडस्ट्री का एक और पहलु भी है। जी हाँ, इस चकाचौंध के पीछे ग़म, नाकामयाबी और अँधेरा भी है जिसने ना जाने कितने ही सितारों की जिंदगी को तबाह भी किया है।

इनमे से कुछ याद रहते हैं तो ज़्यादातर भुला दिए जाते हैं।

इन्हीं बदकिस्मत गुमनामों में से एक अनु अग्रवाल भी है जो आज गुमनाम और बदहाल ज़िंदगी जी रही हैं।

अनु अग्रवाल

जी हाँ जिस आशिकी गर्ल की एक झलक पाने के लिए लाखों लोग लाइन लगाते थे उसे आज कोई देख ले तो पहचानता तक नहीं।

1990 में आई फिल्म आशिकी ने अनु अग्रवाल को रातोंरात स्टार बना दिया था। इस फिल्म ने अनु को टॉप की हिरोईन के बीच लाकर खड़ा कर दिया था लेकिन होनी को तो कुछ और ही मंजूर था। आज अनु अग्रवाल की हालत ख़राब है अनु अग्रवाल आज अपने स्टारडम से कोंसो दूर बिहार के मुंगेर जिले में अकेले ज़िंदगी बसर कर रही हैं। दरअसल तक़दीर ने अनु अग्रवाल के साथ ऐसा खेल खेला कि वो ऐसी ज़िंदगी जीने के लिए मजबूर हो गई हैं। आशिकी फिल्म के बाद उनकी एक भी फिल्म नही चली और उनकी बॉलीवुड से दुरियां बढ़ती चली गई।

साल 1999 में अनु अग्रवाल एक भयानक एक्सीडेंट का शिकार हुईं।

यह हादसा इतना गंभीर था कि अनु अग्रवाल की याददाश्त चली गई और वो पैरालाइज़्ड भी हो गईं।

अनु अग्रवाल

उसकी चोट इतनी गंभीर थी कि अनु को करीब 29 दिनों तक होश नहीं आया था। 29 दिनों के बाद जब अनु कोमा से बाहर आई तो तो वो सब कुछ भूल गई थीं। काफ़ी संघर्ष के बाद अनु को कुछ-कुछ याद आया। जिसके बाद उन्होंने सब कुछ त्याग दिया और आध्यात्म की राह पर चल पड़ीं।

पिछले साल अनु की एक बुक अनयूजवल: मेमोइर ऑफ़ ए गर्ल हू केम बैक फ्रॉम डेड रिलीज़ हुई थी.

उस में भी इन तमाम बातों का ख़ुलासा किया गया। आज बॉलीवुड से नाता तोड़ अनु अग्रवाल बिहार के मुंगेर जिले में अकेले ज़िंदगी जी रही हैं और लोगों को योग सिखा रही हैं।

बॉलीवुड में कब किसे सर आँखों पर बिठाया जाता है और कब भूला दिया जाता है ये कहना मुश्किल है।

शायद ये भी बॉलीवुड की हसीन दुनियां का एक कड़वा सच है।

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बॉलीवुड