साल 2007 में ट्वेंटी-20 का पहला विश्वकप होना था.
भारतीय टीम के पास उस समय कोई भी सीनियर खिलाड़ी नहीं था.
सौरव गांगुली क्रिकेट को अलविदा बोल चुके थे और तब से भारतीय टीम का निर्माण ही चल रहा था.
बीसीसीआई टीम की कमान सचिन तेंदुलकर के हाथों में सौपने का प्लान बना चुकी थी. लेकिन तभी सचिन तेंदुलकर बोर्ड के सामने महेंद्र सिंह धोनी का नाम रखते हैं. एक ऐसा खिलाड़ी जिसे अभी तक तूफानी बल्लेबाजी के लिए जाना जाता था.
महेंद्र सिंह धोनी उस समय कप्तान बने और टीम को उस विश्व कप में जीत भी दिला दी थी. उसके बाद से तो महेंद्र सिंह धोनी कभी पीछे मुड़े ही नहीं. इस तरह से सचिन तेंदुलकर ने धोनी का करियर ही बना दिया था. लेकिन आज सचिन तेंदुलकर फिर से टीम के लिए नया कप्तान खोज रहे हैं.
सूत्रों की मानें तो कुछ तीन महीने पहले ही बोर्ड ने सचिन से इस मुद्दे पर बात की थी.
एक खास मीटिंग के अंदर बोर्ड के कुछ ही चुनिन्दा लोग थे, जहाँ बीसीसीआई ने सीनियर खिलाड़ियों से पूछा है कि क्या धोनी को आगामी कुछ बड़ी सीरीजों के लिए कप्तान बनाना चाहिए?
इस मीटिंग में कुछ बड़े खिलाड़ियों ने मत दिए हैं कि धोनी को साल 2017 तक के लिए कप्तान बनाकर देख लेना चाहिए. इनकी कप्तानी में तब टीम किस तरह का प्रदर्शन करती है वह बात देखने लायक होगी. वहीँ कुछ सीनियर खिलाड़ियों का मत है कि धोनी को अब शायद कुछ आगामी सीरीजों के लिए आराम देना चाहिए. उनकी जगह किसी और को अगर कप्तान बना दिया जाए तो शायद यह भविष्य की तैयारी हो सकती है. अगर कोई खिलाड़ी धोनी की जगह अच्छी कप्तानी नहीं कर पाता है तब बड़ी सीरीज के लिए धोनी की सेवाएँ ली जायेंगी.
वैसे बोर्ड के लिए चिंता का विषय धोनी की बढ़ती हुई उम्र ही है.
धोनी की उम्र अब तेजी से बढ़ रही है. धोनी की कप्तानी के अंदर भी इसकी झलक देखने को मिल जाती है. नये खिलाड़ियों को खोजने के लिए उनको अधिक मेहनत करनी पड़ रही है. धोनी जो पहले अपनी किस्मत के लिए धनी दिखते थे आज वह किस्मत की तरफ से भी धोखा खाने लगे हैं. ऐसे में धोनी को लम्बे समय तक कप्तानी देना बीसीसीआई भी भारतीय क्रिकेट के लिए सही नहीं समझ रहा है.
बोर्ड की गुपचुप मीटिंग में धोनी की कप्तानी को लेकर आखरी राह सचिन तेंदुलकर से पूछी गयी थी.
सूत्रों से पता चल रहा है कि सचिन ने वैसे सीधे तौर पर तो धोनी की कप्तानी के ऊपर ऊँगली नहीं उठाई है किन्तु सचिन ने इतना जरुर बोला है कि आने वाले समय के लिए हमारे पास कप्तानों की एक सूची जरुर होनी चाहिए. विराट कोहली को वनडे का कप्तान बनाया तो जा सकता है लेकिन हो सकता है कि ट्वेंटी-20 के लिए हमें कोई और कप्तान देखना पड़े. तो बोर्ड ने अपने आखरी फैसले में सचिन को बोला है कि वही भारतीय क्रिकेट टीम के दोनों प्रारूपों वनडे और ट्वेंटी के लिए कप्तान का नाम सोचकर बतायें.
तो इस तरह से सूत्रों के अनुसार धोनी के करियर का अंत अब शायद नजदीक ही दिखने लगा है.
साल 2017 शायद धोनी की कप्तानी का अंतिम साल हो सकता है.