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गूगल का नाम “गूगल” कैसे रखा गया !

गूगल की कहानी

जब कभी हमसें कुछ बन नहीं रहा होता है तो हम बड़ो की सहायता लेते है और अगर बड़े भी हमारी मदद नहीं कर पा रहे है तो फिर एक ही रास्ता बचता है गूगल डॉट कॉम का।

गूगल ने हमारी जिन्दगी को इतना आसान बनाया है कि जब भी हमें किसी मदद की जरुरत रहती है, हम गूगल करते है।

वैसे दुनिया का सबसे बड़ा सर्च इंजन गूगल है। जिसने हमेशा से ही हमारी सभी जिज्ञासाओं को शांत करने का काम किया है। लेकिन क्या आप जानते है गूगल के नाम के पीछे भी एक कहानी है।

क्या आप ने भी कभी सोचा है कि गूगल की कहानी क्या है – गूगल का नाम गूगल कैसे पड़ा।

सोचो अगर गूगल का नाम गूगल न होकर गोगोल होता तो कितना अजीब लगता ना।

तो जानिये गूगल की कहानी को।

गूगल की कहानी –

नाम के पीछे की कहानी-

गूगल के फाउंडर लेरी पेज ने जब गूगल की शुरुआत की तब उन्होंने गूगल का नाम गोगोल रखा था। जी हाँ ये बिल्कुल सच है। हमारे आज के गूगल का नाम पहले गोगोल ही रखा गया था। जिसकी स्पेलिंग GOOGOL थी। लेकिन एक छोटी सी गलती के कारण ये GOOGLE बन गया। लेकिन सबसे खास बात ये है कि बाद में इस गलती को सही नहीं किया गया और इसका नाम गूगल ही रहने दिया गया।

लोगो और कलर के पीछे का फैक्ट –

क्या आप जानते है गूगल के हर अक्षर को अलग-अलग कलर से क्यों लिखा गया है?

क्यों इसे रेनब़ो का कलर दिया गया है?

जिसका सबसे बड़ा कारण ये है की गूगल के लोगो का कलर में रेनब़ो के कलर को कोई भी आसानी से याद रख सकता है। इसके अलावा ये कलर हमारे ब्रेन में हैप्पीनेस को क्रिएट करते है। इस कारण गूगल सर्च इंजन पर लोग फ्री होकर काम कर सकते है जिसमें कोई बाधा नहीं होती है।

इसका दूसरा कारण कंपनी ने बताया कि पहले 1 ,2 ,3 और 4 नम्बर के अक्षरों को प्राइम के हिसाब से नीला, लाल, पीला, और हरा रंग दिया गया है। बाकी के अक्षरों को कोम्पोजिट नम्बर होने के कारण अलग रंग दिया गया है। इसका मतलब है गूगल के लोगो के कलर को RGB के सिद्धांत पर रखा गया है, जिसमें ये सभी रंग आपके कंप्यूटर की स्क्रीन को बाकी रंगों से अलग और आकर्षित बनता है ताकि देखने में ये सबसे अलग और एट्रेक्टिव लगे।

गणितीय शब्द गुगोल से बना गूगल-

गूगल का नाम सुनते ही दिमाग में कंप्यूटर स्क्रीन और इन्टरनेट की तस्वीर उभर कर आती है, क्योंकि गूगल के बिना इन्टरनेट की अपेक्षा करना इस दौर में बिल्कुल ही नामुमकिन है। गूगल पर दुनिया भर की किसी भी चीज़ को सर्च किया जा सकता है और उसके बारे में इनफार्मेशन को कलेक्ट किया जा सकता है। लेकिन क्या आप गूगल शब्द का मतलब समझते है। वैसे गूगल को गणित के शब्द गुगोल से लिया गया है। जिसका मतलब होता है संख्या जिसमें 1 के बाद 100 और जीरों लगे होते है।

जानिए गूगल के पीछे का फैक्ट-

गूगल के फाउंडर Larry Page और Sergey Brin ने इस सर्च इंजन का नाम गूगल ही क्यों रखा?

गूगल गणितीय शब्द गुगोल से बनाया हुआ शब्द है। गणित में गूगोल एक ऐसी संख्या है जिसमें एक के पीछे 100 जीरो लगे होते है। इस सर्च इंजन की स्थापना भी इसी उद्देश्य से की गई थी कि जब कोई गूगल पर कुछ सर्च करे तो गूगल उस सूचना को एक के बाद 100 जीरो तक की संख्या को इतने ही वेब पेजों में सर्च कर सकता है और आज गूगल अपने इस काम को बखूबी करता है।

हमारे द्वारा किसी कंटेन्ट को सर्च करने पर वो उसको 100 और अलग वेब पेजों में सर्च करता है जिससे हमें आसानी से हमारा कंटेन्ट मिल जाता है।

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