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अब यह देश कागज के नोटों को करने जा रहा है पूरी तरह से बंद !

डिजीटल करेंसी

कालेधन पर लगाम लगाने के लिए भारत सरकार ने 500 और 1000 रुपये के नोट को बैन करके देशभर में क्रांति का अलख जगा दिया. भारत से शुरू हुई इस क्रांति की आग देखते ही देखते दूसरे देशों में भी फैलने लगी है.

हालांकि भारत सरकार ने 500 और 1000 रुपये के नोट पर बैन लगाकर उसकी जगह 500 और 2000 के नए नोट जारी किए हैं, ताकि भारत की जनता को ज्यादा परेशानियों का सामना न करना पड़े.

लेकिन हम आज एक ऐसे देश की बात करने जा रहे हैं जो भारत के इस कदम से प्रभावित होकर अब कागजी करेंसी पर पाबंदी लगाने जा रहा है.

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कागज के नोटों पर लगेगी पाबंदी

जी हां, स्वीडन सरकार अब पूरी तरह से कागज के नोटों पर पाबंदी लगाने की सोच रही है. इसके बदले अब यहां की सरकार ई करेंसी यानी डिजीटल करेंसी जारी करने पर विचार कर रही है.

कयास लगाए जा रहे हैं कि जल्द ही स्वीडन का केंद्रीय बैंक रिक्स बैंक कागज की करेंसी की जगह ई करेंसी जारी करने वाला है.

इंटरनेट के ज़रिए होगा लेन-देन

ई करेंसी यानी डिजीटल करेंसी जारी करने के बाद इस देश में जो भी लेन-देन का कारोबार होगा वो पूरी तरह से इंटरनेट पर निर्भर होगा. यह डेबिट या क्रेडिट कार्ड की ही तरह ट्रांजेक्शन करने जैसा होगा.

कहा जा रहा है कि अगर रिक्स बैंक यहां की सरकार के इस विचार पर अमल करता है तो वह ई करेंसी जारी करनेवाला पहला देश बन जाएगा.

यहां नोटों के इस्तेमाल में आई है गिरावट

रिक्स बैंक के डिप्टी गवर्नर सीसिलिया स्काइंग्जली के मुताबिक पिछले कुछ सालों में स्वीडन में नोटों के इस्तेमाल में काफी गिरावट आई है. इसलिए अब ई करेंसी लाने पर विचार किया जा रहा है.

बताया जा रहा है कि इस देश में ऐसे लोगों की बड़ी संख्या है जो कई कारणों से परंपरागत बैंकों तक नहीं पहुंच पाते या उनकी उन बैंको तक पहुंच संभव नहीं है.

साइबर सुरक्षा के करने होंगे इंतजाम

स्वीडन सरकार के इस फैसले पर विशेषज्ञों की मानें तो ई करेंसी कागजी नोटों से ज्यादा असुरक्षित हो सकती है. क्योंकि ई करेंसी से काले धन की समस्या कम होने की जगह और बढ़ सकती है.

इसलिए ई करेंसी लागू करने से पहले यहां की सरकार को साइबर सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम करने होंगे.

बहरहाल भले ही स्वीडन की सरकार ई करेंसी लागू करने की बात कर रही है लेकिन सरकार का यह कदम कितना कारगर साबित होगा ये तो आनेवाला वक्त ही बताएगा.

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