भारत में काले धन पर मोदी सरकार की नोटबंदी से पड़ोसी देश पाकिस्तान में आतंकी सरगना और उसकी खुफिया एजेंसी ही सदमें में नहीं है बल्कि नेपाल में कसीनों चलाने वाले लोगों का भी धंधा चैपट हो गया है.
नेपाल की राजधानी काठमांडु सहित कई शहरों में कसीनों खुले हुए हैं. इनमें बड़े पैमाने पर भारतीय करेंसी में जुआ खेला जाता था.
बताया जाता है कि भारत नेपाल सीमा पर भी कई कसीनों खुले हुए हैं जहां हर रोज करोड़ों रूपए का जुआ खेला जाता था. इसके लिए भारत से लोग विशेष तौर पर जुआ खेलने नेपाल जाते थे.
इनमें सारा लेने देन भारतीय करेंसी में ही होता था . हर रोज करोड़ों के वारे न्यारे होते थे .
लेकिन जिस दिन से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 की नोटबंदी की है तब से वहां सन्नाटा पसरा हुआ है.
गौरतलब है कि नेपाल में कुछ स्थानों पर लोग भारतीय करेंसी भी स्वीकार करते थे . लेकिन एक ओर इसका जहां लाभ था तो दूसरी ओर बहुत भारी नुकसान भी देश को उठाना पड़ रहा था . इसकी आड़ में जहां नेपाल में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ भारत की नकली करेंसी छाप कर उसे नेपाल के रास्ते उसेे प्रवेश कराकर भारत को आर्थिक रूप से कमजोर करना चाहती है .
इतना ही नहीं वहां जो कसीनों चल रहे थे उनमें से अधिकांश पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के एजेंटों और भारत के मोस्ट वांटेड लोगों जैसे दाउद इब्राहिम का पैसा भी लगा हुआ था .
भारत के लोगों से गैर कानूनी रूप से पैसा कमाकर ये लोग हवाला के जरिए पैसा भारत में आतंकी गतिविधियों में लिप्त लोगों को पहुंचाकर देश में आतंकी घटनाओं को अंजाम देते थे. इसके साथ ये लोग भारतीय करेंसी को रोककर उसके स्थान पर नकली करेंसी झौंक कर भारत को ही बरबाद करने पर तुले हुए थे. लेकिन अब सरकार की नोटबंदी के बाद इनके अरमानों पर पानी फिर गया है.
अरबों खरबों का काला धन अब रद्दी बन चुका है .
भारत सरकार के इस कदम से नेपाल को भी राहत मिली हैं, क्योंकि इसके जरिए वहां पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी और ड्रग्स के कारोबारियों का काला पैसा डूब गया है, जिससे अब वहां ड्रग्स और अपराध में भी कमी आएगी जो विगत कुछ वर्षों में काफी बढ़ गई थी