कल रात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश को संबोधित करने वाले थे.
सभी पार्टियों और बीजेपी के सांसदों को खबर पहुँच गयी थी कि आज मोदी 2000 के नये नोट को जारी करने के लिए देश को संबोधित कर रहे हैं. मोदी ने अपना भाषण गरीबों से शुरू किया और अचानक से ही बम फोड़ दिया कि आज रात 12 बजे से ही 500 और 1000 के नोट बंद कर दिए जायेंगे.
जैसे ही यह बात मोदी ने बोली तभी देश में आपातकाल लग गया था.
लोग सड़कों पर आ गये थे और कोई कुछ भी समझ नहीं पा रहा था कि अब क्या किया जाये. एटीएम के बाहर पैसे जमा करने वालों की लम्बी लाइन लगने लगी और दूकान वालों के पास भी जैसे खुल्ले पैसे खत्म हो गये थे. तो अब यह जानना वाकई रोचक होगा कि आखिर यह पूरा प्लान मोदी ने कैसे बनाया है-
मोदी ने 6 महीने पहले ही यह प्लान समझ लिया था –
सूत्रों से प्राप्त हो रही खबरों के अनुसार मोदी काफी पहले से ही ब्लैकमनी को लेकर कोई ठोस कदम उठाना चाहते थे.
इसी कारण से वह कई संस्थाओं से इस पूरे विषय पर बातचीत कर रहे थे. बताया जा रहा है कि अभी हाल ही में मोदी अर्थक्रांति नाम की एक संस्था से भी मिले थे जो मोदी के साथ पूरे 2 घंटे रहे थे. इन 2 घंटे में इन्होनें ब्लैकमनी से जुड़े कई अहम सवालों के जवाब प्रधानमन्त्री को दिए थे. वैसे नरेन्द्र मोदी जानते थे कि अगर उन्होंने नोटों को बदलने के लिए अधिक समय दे दिया तो सारा काला धन सही जगह पहुँच जायेगा. साथ ही साथ अगर इसकी जानकारी लीक हो गयी, तब भी इस खेल में उतना मजा नहीं आयेगा.
असल में मोदी ब्लैकमनी लिए बैठे लोगों को कठोर सन्देश देना चाहते थे. अब जिन लोगों के पास ब्लैकमनी है वह वाकई बड़ा घाव लिए हुए बैठे होंगे. मोदी ने अपने कुछ ख़ास लोगों से इस पूरे प्लान को खुद तक सीमित रखा था.
आरबीआई के गवर्नर से होती थी सिर्फ मुलाकात-
आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल को मोदी ने अपने विश्वास में सबसे पहले लिया था.
आज से कुछ 6 माह पहले ही मोदी ने आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल से मुलाकात करके 2000 के नोट पर चर्चा की थी. सबसे पहले मोदी ने इनको हर दिन सुना और यह समझा कि क्या इन पर विश्वास किया जा सकता है? जब मोदी को इनपर विश्वास हो गया था तब मोदी ने कुछ 1 माह पहले ही इनको सारा प्लान बताया था और साफ शब्दों में बोला था कि यह प्लान लीक हुआ तो इसका दोष आपके ऊपर रहेगा. क्योकि मोदी जानते थे कि वह अपना प्लान कुछ गिनती के लोगों को बताने वाले थे. मोदी के प्लान को समझने के बाद आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल अपनी तैयारी में लग गये थे. इन्होनें जो हल्ला मचाया था वह 2000 के नोट का ही था ताकि सभी लोग पूरे बदलाव को 2000 के नोट को प्रमोट करने का प्लान ही समझें.
अमित शाह को 1 दिन पहले बताया प्लान-
सूत्रों की मानें तो मोदी ने अपने ख़ास और सबसे नजदीक पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह को भी यह प्लान 1 दिन पहले ही बताया था. अमित शाह को बताते हुए साफ़ बोला गया था कि वह इस प्लान का जिक्र किसी से ना करें. निश्चित रूप से मोदी जानते थे कि अगर यह प्लान बाहर आ गया तो यह सर्जिकल स्ट्राइक फ्लॉप हो जाएगी. अमित शाह से मोदी की घंटों मुलाकात हुई और यहाँ अमित शाह के कई सवालों का जवाब मोदी ने दिया था.
वित्तमंत्री से भी छुपाया प्लान –
प्रधानमंत्री मोदी ने इस प्लान को यहाँ तक कि वित्त मंत्री से भी छुपाया था. सूत्र बता रहे हैं वित्त मंत्री को भी यह प्लान कुछ 1 सप्ताह पहले ही बताया गया था. वह भी मोदी ने पूरा प्लान इनको नहीं बताया था. जो लोग बता रहे हैं कि अरुण जेटली से मोदी की पहले मुलाकात हुई है तो बता दें कि जेटली भी सिर्फ 2000 के नोट की तैयारी कर रहे थे.
अचानक मोदी के भाषण से इनको भी इस प्लान की जानकारी मिली थी.
तो इस तरह से मोदी ने अपने इस ख़ास प्लान को सबसे पहले आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल और उसके बाद कुछ ही घंटों पहले अपने कुछ खास लोगों को बताया था. सूत्रों की मानें तो यह प्लान ऐसा है जिसको सुनकर बीजेपी के भी कई सांसद हैरान-परेशान हो गये हैं.
वैसे काले धन को रोकने के लिए बनाये इस प्लान से जनता काफी खुश भी है.