चीन ने सैन्य आधुनिकीकरण के नाम पर पीएलए यानी पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी में 3 लाख सैनिकों की छंटनी के फैसले पर जैसे ही अमल करना शुरू कर किया तो नाराज सैनिकों ने इसका विरोध कर दिया.
जैसे जैसे चीनी सोशल मीडिया में यह खबर वासरल हो रही है इसको लेकर सैनिकों ही नहीं जनता में भी विरोध तेज हो गया है.
सैनिकों की छंटनी के विरोध में हजारों सैनिकों ने बीजिंग में चीनी रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन भी किया है. इसके बाद से चीनी सरकार सकते में हैं. उसको अब डर है कि अगर विरोध प्रर्दशनों को नहीं रोका गया तो सरकार को लेकर देश ही नहीं दुनिया में गलत संदेश जाएगा और दुनिया इसे चीन की कमजोरी के रूप में देखेगी.
वहीं दूसरी और यदि वह विरोध प्रदर्शन कर रहे अपने सैनिको पर सख्ती करता है तो चीनी जनता के साथ बाकी सैनिकों पर भी इसका गलत अगर पड़ सकता है.
यही कारण है कि विरोध प्रदर्शनों से नाराज चीनी सेना ने सुरक्षाबलों में बदलावों को लेकर ऑनलाइन अभियान चलाने वाले सैनिकों और लोगों को को चेतावनी दी है.सेना ने माना कि ऑनलाइन अभियान से उसकी छवि को नुकसान हुआ है।
गौरतलब है कि चीन अपनी 23 लाख की भारी भरकम फौज में कमी कर उसके स्थान पर सेना में ज्यादा मिसाइलें, लड़ाकू विमान शामिल करना चाहता है. आधुनिकीकरण की कवायद के तहत चीन सोवियत युग के कमांड मॉड्यूल को बंद करना चाहता है.
दरअसल, आधुनिक दौर में बड़ी सेना रखने का कोई फायदा नहीं रह गया है. यह बात अब चीन को समझ में आ रही है.
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने जून में कहा था कि सेना को नया स्वरूप दिया जाएगा और हिन्ह सैनिकों की छंटनी की गयी है उन्हें दूसरा काम दिया जाएगा. लेकिन जिस प्रकार चीन में अर्थ व्यवस्था कमजोर हो रही है और वहां कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है.
ऐसी स्थिति में पीपल्स लिबरेशन आर्मी में सैनिकों की छटनी और सेना में बदलावों को लेकर चल रही अफवाहों को जिस प्रकार सोशल मीडिया पर हवा दी जा रही हैं उसने चीन की नींद उड़ा दी है.
चीनी सेना को लगता है कि कुछ लोग आधारहीन कहानियां फैला कर मामले को तूल दे रहे हैं. इन खबरों के आने बाद बाकी सैनिकों का ध्यान बंटा है.
चीन में सैन्य सुधारों को लेकर – सैनिकों की छंटनी से बाकी सैनिकों में भी असंतोष के सुर उभरने लगे हैं. निकाले गए सैनिकों को जहां बेरोजगारी की चिंता सताने लगी है वहीं बाकी सैनिकों को लगता है कि इस सैनिकों की छंटनी का अगला निशाना वे भी बन सकते हैं.
वहीं इन सब से बौखलाए चीन ने दुश्मन ताकतों पर सैन्य सुधार की राह में रोड़े अटकाने का आरोप लगाया है. पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी डेली ने एक लेख प्रकाशित कर अफवाहों पर ध्यान नहीं देने को कहा है.
अखबार ने लिखा दुश्मन ताकतें भी व्यर्थ में सुधार की प्रक्रिया में रोड़े अटकाने की कोशिश कर रही हैं. हालांकि अखबार में किसी देश का नाम नहीं लिया गया है.