जिस प्रकार हाल के दिनों में सीमा पर पाकिस्तान की तरफ से घुसपैठ की कोशिशें लगातार बढ़ रही हैं उसको देखते हुए सीमा सुरक्षा बल राजस्थान और गुजरात से लगी सीमा पर ऐसी तार बिछाने जा रहा है जिससे दुश्मन के भारत की सीमा में पैर रखते ही वहां तेज धमाके के साथ लाइटे जलने लगेगी.
उस स्थिति में आतंकी घुसपैठिए का बच निकलना मुश्किल होगा.
पाक आतंकी घुसपैठिए हमेशा ही भारत की सीमा में दाखिल होने की फिराक में रहते हैं.जब से पंजाब और जम्मू कश्मीर की सीमा पर चैकसी बढ़ी है उसके बाद वे राजस्थान और गुजरात के रास्ते भारत में घुसने की फिराक में हैं.
दरअसल, पाकिस्तान से सटा भारत का राजस्थान और गुजरात का बार्डर काफी लंबा है.यहां बार्डर पर दूर दूर तक रेत ही रेत नजर आती है.
गांव के साथ साथ यहां बीएसएफ की चैकियां भी कई कई किलोमीटर की दूरी पर हैं. जिस कारण यहां पाकिस्तान की और से घुस पैंठ की संभावना हमेशा बनी रहती है.
आतंकी घुसपैठिए सीमा पर ऐसी जगहों की ताक में रहते हैं कि जहां चैक पोस्ट काफी दूरी पर हों.
क्योंकि लंबी दूरी होने के कारण बीएसएफ की पेट्रोलिंग टीम को दोबारा वहां से गुजरने में वक्त लगता है.इसका लाभ अक्सर ये लोग उठाते हैं. इसलिए बीएसएफ ने अब इन जगहों पर ट्रिप फ्लेयर लगाने का फैंसला किया है।
इसकी खासियत है कि इन पर आतंकी घुसपैठिए के कदम रखते ही धमाके के साथ तेज रोशनी होगी और पेट्रोलिंग में तैनात जवान चैकन्ना हो जाएगा. बीएसएफ का कहना है कि रेगिस्तान के इलाके में घुसपैठ रोकने में ये तकनीक बेहद कारगर है क्योंकि इससे निकलने वाली आग रात के अंधेरे में वाच टावरों पर आसानी से देखी जा सकती है।
दरअसल ट्रिप फ्लेयर में मिट्टी के रंग का पतला सा धागा रहता है जो रेगिस्तान के धूल में दबा रहता है, जैसे ही कोई प्रेशर या लोड उस पर पडे़गा ये विस्फोट के साथ जलना शुरू कर देता है. इसको सबसे पहले उन स्थानों पर लगाए जाने की बात है, जो इलाका घुसपैठ के लिहाज से काफी संवेदनशील है.
गौरतलब है कि भारत में डीआरडीओ सीमा पर निगरानी करने के लिए इस प्रकार की तकनीक को सीमा सुरक्षा बल को उपलब्ध कराता है. लेकिन पहले इनका प्रयोग बहुत सीमित मात्रा में होता था.लेकिन जिस प्रकार हाल के दिनों में पर घुसपैंठ की समस्या बढ़ी है और पठानकोट व उरी के सैन्य कैंपों पर आतंकियों ने हमले किए हैं उसको देखते हुए केंद्र सरकार ने तय किया है कि सीमा को पूरी तरह से सील किया जाए.
यही कारण है कि बीएसएफ ने डीआरडीओ से ज्यादा से ज्यादा संख्या में ट्रिप फ्लेयर उपलब्ध करवाने के लिए कहा है, ताकि पूरी सीमा पर तारबंदी के नीचे इसे लगाया जा सके।