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तो अमेरिका इसलिए पाकिस्तान को दिन में तारे दिखाना चाहता हैं !

अमेरिका पाक को सबक सिखाना चाहता है

एक समय अमेरिका की आंखों का तारा रहे पाकिस्तान से अब खुद अमेरिका ने दूरी बनानी शूरू कर दी है.

पाकिस्तान को अरबों डॉलर की मदद करने वाला अमेरिका अब पाकिस्तान को दिन में ही तारे दिखाना चाहता है.

क्यों अमेरिका पाक को सबक सिखाना चाहता है इसके पीछे कुछ कारण हैं –

अमेरिका पाक को सबक सिखाना चाहता है –

1 – ओसामा बिन लादेन का पता बताने वाले डॉक्टर को पाकिस्तान ने कैद कर जेल में डाल रखा है. इससे अमेरिका पाकिस्तान से चिढ़ा हुआ है. जब अमेरिका ने इसका विरोध किया तो पाकिस्तान ने अपना घरेलू मामला बताकर अमेरिका को ही इससे दूर रहने के लिए कह दिया. बदले में अमेरिका ने भी पाकिस्तान को दी जाने वाली सहायता राशि में 3.3 करोड़ डॉलर की कटौती कर दी थी.

अमेरिका पाक को सबक सिखाना चाहता है

2 – अमेरिका पाकिस्तान और चीन की बढ़ती दोस्ती को लेकर भी नाराज है. अमरिका का कहना है कि पाकिस्तान उसकी कीमत पर उसके दुश्मन से हाथ मिला रहा है. अमेरिका पाक चीन द्वारा ग्वादर में बनाए जा रहे सीपैक से भी खफा है.

अमेरिका पाक को सबक सिखाना चाहता है

3 – अमेरिका और पाकिस्तान की दोस्ती में दरार उसी दिन से पड़ गई थी जब पाकिस्तान ने अपने यहां अमेरिका के दुश्मन नंबर एक ओसामा बिन लादेन के अपने यहां छिपे होने की जानकारी को अमेरिका से साझा नहीं किया था.

अमेरिका पाक को सबक सिखाना चाहता है

4 – आज भारत और अफगानिस्तान एक दूसरे के काफी करीब आ रहें हैं. अमेरिका भी चाहता है कि उसके अफगानिस्तान से जाने के बाद भारत अफगानिस्तान के न केवल विकास में बल्कि सैन्य भागीदार के रूप में मुख्य भूमिका निभाए. लेकिन पाकिस्तान भारत को अफगानिस्तान में रोकने के लिए वहां आतंकी कार्रवाई करवाता रहता है. इससे अमेरिका खफा है.

अमेरिका पाक को सबक सिखाना चाहता है

5 – हक्कानी नेटवर्क ने पाकिस्तान के उत्तरी वजीरिस्तान जिले के मीरान शाह में अपना मुख्यालय बना रखा है. अमेरिका के कहने के बाद भी पाकिस्तान ने इसके खिलाफ कार्रवाई करने मना कर दिया था. जबकि इसके खात्में के नाम पर पाक ने अमेरिका से अरबो खरबों डॉलर रूपया वसूला है.

अमेरिका पाक को सबक सिखाना चाहता है

इस कारणों से अमेरिका पाक को सबक सिखाना चाहता है – पाकिस्तान से दोस्ती अमेरिका के लिए एक मंहगी डील है. यह बात अब अमेरिका को भी समझ आ रही है कि पाकिस्तान अमेरिका से आतंकवाद के नाम पर खाली पैसा बटोर रहा है. यही नहीं, मौका पड़ने पर गद्दारी करने से भी बाज नहीं आता है.

वहीं दूसरी ओर भारत की छवि दुनिया में एक जिम्मेदार देश की रही है. अमेरिका को लगता है चीन को रोकने में भारत उसका एक भरोसेमंद भागीदार बन सकता है.