ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट बोर्ड ने डैरेन लह्मन को कोच की उपाधि से हटाने का चौंकानेवाला फैसला लिया है.
अब सवाल यह उठता है कि 2015 की विश्वविजेता टीम के कोच रह चुके डैरेन लेहमन को भला ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट बोर्ड क्यों निकालना चाहेगा?
डैरेन लेहमन और बोर्ड के बीच हो रही अनबन इसकी वजह बताई जा रही है.
और सबसे बड़ी खबर तो यह है कि ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेट बोर्ड ने हमारे अपने सचिन तेंदुलकर को ऑस्ट्रेलिया टीम का कोच बनने का प्रस्ताव भेजा है.
यह सब IPL शुरू होने के पहले हो चुका था लेकिन ACB और BCCI ने इस मुद्दे को राज़ रखना ही ज़रूरी समझा.
यह उन लोगों को एक सन्देश है जो यह सोंचते कि भारतीय खिलाड़ी किसी और टीम के कोच नहीं बन सकते. सोचिए अगर सचिन का अनुभव और ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों का टैलेंट अगर साथ मिल जाए तो शायद कोई इस टीम को रोक नहीं सकता. एक तो ऑस्ट्रेलिया पहले से ही एक अच्छी टीम रही है और अगर सचिन भी इस टीम के कोच बन कर अपना योगदान दें तो शायद यह एक सर्वश्रेष्ठ टीम बन जाएगी. सचिन तेंदुलकर ने ACB द्वारा भेजे इस प्रस्ताव को स्वीकारने में थोड़ी देरी की लेकिन ऐसा सुनने में आया है कि सचिन ऑस्ट्रेलियाई टीम के हेड कोच बनने को राज़ी हो गए हैं.
अब यह दूसरी बारी है की एक भारतीय मूल का खिलाड़ी किसी विदेशी टीम का हेड कोच बनेगा.
इसके पहले संदीप पाटिल 2003 के क्रिकेट विश्वकप के दौरान केन्या के कोच रह चुके हैं. और यह बात सभी लोग जानते हैं कि उन्होंने केन्या को पहली बार किसी विश्वकाप के सेमी फाइनल तक पहुंचाया था.
यह कहना गलत नहीं होगा कि सचिन जैसा खिलाड़ी, भारतीय टीम के लिए किसी वरदान से कम नहीं था और जब यह वरदान ऑस्ट्रेलिया को प्राप्त होगा तो वे हर एक मैच, अलग ही लय में खेलेंगे.
Disclaimer:
यह आर्टिकल महज़ एक काल्पनिक आर्टिकल था. ज़रा सोचिए अगर ऐसा होगा तो हम भारतीयों की और क्रिकेट खेलने वाले अन्य देशों की क्या प्रतिक्रिया होगी. सचिन किसी भी टीम के कोच बने या ना बने लेकिन हमारे लिए तो वे अब भी ‘गॉड ऑफ़ क्रिकेट’ हैं.