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जब एक पत्थर को छूने पर भारतीय सैनिक ने काट दिए थे चीनी सैनिक के दोनों हाथ!

भारतीय सैनिक

ये कहानी है एक जांबाज़ भारतीय सैनिक की !

आप अक्सर भारत चीन सीमा पर दोनों देशों की सेनाओं के आमने सामने आने की खबरें सुनते हैं.

चीन के आक्रमक रूख को देखकर कई बार आप को लगता होगा कि चीन हम से अधिक ताकतवर है. उसके सैनिक भारतीय सैनिकों से अधिक बहादुर हैं.

लेकिन इन दो घटनाओं को पढ़ने के बाद आपकी यह धारणा पूरी तरह है बदल जाएगी.

वर्ष 1962 में भारत की हार का बदला लेने के लिए भारतीय सैनिकों का खून खौल रहा है. मौका मिलते ही वे सीमा पर चीनी सैनिकों की लाशे गिराने में जरा भी कोताही नहीं बरतते.

भारत चीन सीमा पर नाथुला दर्रे के पास है चोला इलाका. इसे चोला पास भी कहते हैं. बात 1967 की है. जब भारतीय सैनिको ने चीनी सेना के 44 सैनिकों को मौत की नींद सुला दिया. इस जंग की शुरूआत एक पत्थर पर कब्जे को लेकर हुई थी. दोनों सेनाओं के सैनिक एक दूसरे से करीब 10 फिट की दूरी पर तैनात थे. चीनी सेना का एक संतरी एक पत्थर पर अपना दावा करते हुए उसे चीन का बताने लगा.

इस पर भारतीय सैनिक ने पत्थर पर अपना दावा ठोंकते हुए कहा कि अगर हिम्मत है तो हाथ लगाकर दिखा इस पत्थर को. इस पर चीनी सैनिक ने भारतीय सेना के जेसीओं पर हमला कर दिया. चीनी सैनिक की इस हिमाकत से गुस्साएं सेना की 711 जीआर के एक संतरी ने उस चीनी सैनिक के वे दोनों हाथ खुखरी से काट दिए जिससे उसने पत्थर का छूने की कोशिश की थी.

इस हमले में 21 भारतीय सैनिक भी शहीद हुए थे.

हाल ही में चोला विजय का स्मारक बनाया गया है. जब कभी आप वहां जाएंगे तो इस स्मारक के पास आपको एक लाल रंग से रंगे एक पत्थर की तस्वीर नजर आएगी. यही वो पत्थर है जिस पर कब्जे को लेकर भारत और चीन में बारूदी जंग शुरू हुई थी.

वहीं इस घटना के 15 दिन पूर्व 11 सितंबर 1967 को नाथुला पास में भारतीय सेना चीनी सेना के 400 सैनिकों को मौत की नींद सुला चुकी थी.

इस घटना के पहले चीनी सेना अक्सर लाउडस्पीकर पर भारतीय सेना को धमकाया करती थी कि पीछे हटो वरना 1962 वाला हाल करेंगे.
भारत ने चीन की इन हरकतों को रोकने के लिए 1967 में नाथुला पास पर तैनात मेजर जनरल सगत राय की अगुवाई में कंटीली बाड़ लगाने का फैसला किया. लेकिन चीन ने बाड़ लगा रही भारतीय सेना पर धोखे से हमला कर दिया. बाड़ लगाने में जुटे इंजीनिरिंग यूनिट समेत भारतीय सेना के 67 जवान मारे गए.

बस फिर क्या था भारतीय सेना का खून खौल उठा. पलक झपकते ही चीन की मशीनगन यूनिट को पूरी तरह तबाह कर दिया गया. भारतीय सेना ने चीन के 400 सैनिकों को बेरहमी से मार दिया.

इन दोनों मोर्चों पर बुरी तरह हारने के बाद चीन ने कभी नाथुला और चोला इलाके में भारतीय सीमा और सैनिकों के पास फटकने की हिम्मत नहीं की.

ये थी कहानी भारतीय सैनिक की !

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इतिहास