जरुरी नहीं है कि उसी व्यक्ति को मनोवैज्ञानिक डाक्टर की आवश्यकता होती है जो पागल हो गया है.
हकीकत में वर्तमान में तो हर व्यक्ति को ही कुछ समय बाद मनोवैज्ञानिक के पास चले जाना चाहिए. लेकिन फिर भी भारत में मनोवैज्ञानिक छोड़ों लोग डाक्टर के पास तभी जाते हैं जब वह गंभीर हो जाते हैं.
आज हम आपको बताने वाले हैं कि आप कैसे पहचानें कि आपको एक मनोवैज्ञानिक डाक्टर की जरूरत है. क्योकि हमारा शरीर ही कुछ संकेत करने लगता है किन्तु हम इनको पहचान नहीं पाते हैं-
1. यदि आप आत्महत्या की सोचते हैं
अब यदि आपका दिमाग या मन आत्महत्या जैसे ख्याल दिल में लाता है और आप उसकी तैयारी कर रहे हैं तो आप समझ लें कि आपको मनोवैज्ञानिक डाक्टर की अब जरूरत है. इस तरह के व्यक्ति को तो तुरंत मनोवैज्ञानिक के पास चला जाना चाहिए.